विकास कार्यों की जांच कर कार्रवाई की मांग दोषियों पर चले बाबा का बुलडोजर।
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विकास कार्यों की जांच कर कार्रवाई की मांग दोषियों पर चले बाबा का बुलडोजर।
रिपोर्ट सर्वेश सहानी नौतनवा तहसील प्रभारी
क्रसर- 20 वर्ष से अधिक एक ही ग्राम पंचायत में कार्यरत रोजगार सेवक के स्थानांतरण की मांग व विकास कार्यों में धांधली का आरोप
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा एक तरफ बुलडोजर चलाकर बंजर जमीनों को खाली करवा रही है वहीं दूसरी तरफ उस जिम्मेदारों द्वारा इसी जमीनों पर अपना कब्जा जमा रहे हैं इसी क्रम में एक ऐसा ही मामला महराजगंज जिले में नजर आ रहा है जो कि एक व्यक्ति ने लिखित पत्र देकर उच्च अधिकारियों को मामले की जांच की मांग की है यह मामला
जनपद महाराजगंज के नौतनवां तहसील अंतर्गत विकास खण्ड नौतनवां के ग्राम सभा तरैनी व पिपरहिया के रोजगार सेवक मोहन पुत्र महन्थ पासवान के विरुद्ध एक शिकायती प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी महराजगंज को पंजीकृत डाक रजिस्ट्री भेजकर शैलेश्वर सिंह निवासी ग्राम सिरसिया मशर्की, श्रीकांति देवी निवासी ग्राम पिपरहिया, आलोक सिंह एवं आकाश सिंह निवासी स्थानीय ग्राम तरैनी ने विकास कार्यों की जांच कराने के साथ-साथ एक ही ग्राम पंचायत में 20 वर्षों से कार्यरत होने पर स्थानांतरण की मांग की है।
जानकारी के लिए बता दें कि उक्त शिकायती प्रार्थना पत्र में अंकित है कि ग्राम प्रधान तरैनी मीरा देवी पत्नी मोहन व रोजगार सेवक मोहन पासवान ग्राम समाज की खलिहान, नाली, कंपोस्ट गड्ढा, बंजर, पोखरी, आबादी व चकमार्ग पर अतिक्रमण कराकर मकान बनवाए हैं तथा बनवा रहे हैं और विगत 20 वर्षों से तरैनी व पिपरहिया ग्राम में रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हैं तथा मनरेगा कार्यों के भुगतान में व्यापक धांधली किए हैं तथा कर रहे हैं इनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच कराते हुए रोजगार सेवक के स्थानांतरण की मांग की गई है। इतना ही नहीं शैलेश्वर सिंह पुत्र वीर बहादुर सिंह निवासी ग्राम सिरसिया मशर्की ने पुलिस अधीक्षक महराजगंज को भी शिकायती प्रार्थना पत्र भेजा है जिसमें उल्लेख है कि प्रार्थी संभ्रांत राजनैतिक व्यक्ति हैं जिनकी समाज में काफी मान प्रतिष्ठा है तथा तरैनी निवासी मोहन पुत्र महन्थ पासवान व मीरा पत्नी मोहन द्वारा फर्जी एवं मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर तमाम अधिकारियों के पास शिकायती प्रार्थना पत्र भेजकर तथा कई समाचार पत्रों में इसका प्रसारण भी करवाया गया है जिससे प्रार्थी की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई है प्रार्थी का मानहानि हुआ है ऐसी स्थिति में उपरोक्त के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की मांग की गई है।