सड़कों को चौड़ी करने के लिए काटे गए करोड़ों फल दार पेड़ की कमी आगामी 50सालों तक पूरी नहीं की जा सकती है ।
1 min readमहराजगंज,सरकारी बृछारोपण में पेड़ सुरक्षा घेरा व पारिश्रमिक लेकर एक पेड़ पर तीन हजार का खर्च आता है तथा लगाने के बाद 80%पेड़ सूख जाते हैं । अब पेड़ नदी व गोवंश पर सरकार की मेहरबानी के पीछे की मूल भावना को समझने की आवश्यकता है ।तथा नागरिकों को जागरूक होकर अपनी अगली पीढ़ी के लिए पेड़ लगाने की आवश्यकता है ।
हमारे पूर्वजों ने आम महुआ इमली जामुन कटहल के पेड़ लगाए थे जो फल छाया ईंधन व इमारत के निर्माण के लिए उपयोगी थे साल के चार महीने इन फलों से तमाम परिवार पलते थे परंतु आज कल वन विभाग जो पेड़ लगा रहा है उसकी उपयोगिता केवल इमारत के निर्माण तक सीमित है ।
विगत तीन साल में कोरोना के समय मुंह माँगी कीमत देकर आक्सीजन खरीदने वालों में से 40%लोगों की मौत हुई है यह आक्सीजन हमें पीपल नीम पाकड बरगद गूलर के पेड़ से मिलती है सायद इसी लिए सनातन संस्कृति में हमारे देश के मनीषियो ने पंच पललव का जिक्र किया है ।
आधुनिक परिवेश में हमें अपनी प्राचीन संस्कृति व सभ्यता के प्रति समर्पित होने की आवश्यकता है अन्यथा परिवर्तन शील समय आने वाली पीढ़ी को निगल जाएगा ।
क्राइम ब्यूरो महराजगंज AIN भारत NEWS कैलाश सिंह