सुदामा चरित्र का वर्णन सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, जयकारे से गूंजा पंडाल।
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सुदामा चरित्र का वर्णन सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, जयकारे से गूंजा पंडाल।
डुमरियागंज नगर के बरई बनगवां स्थित शिव मंदिर पर चल रहे श्रीराम कथा के पांचवे दिन कथावाचक रमा पाण्डेय ने सुनाया सुदामा चरित्र का वर्णन।
सिद्धार्थनगर ब्यूरो सूरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट
सिद्धार्थनगर डुमरियागंज शुक्रवार की रात नगर पंचायत के बरई बनगवां सरयू नहर कॉलोनी के सामने स्थित शिव मंदिर पर चल रहे श्रीराम कथा के पांचवे दिन अयोध्या धाम से पधारे कथावाचिका रमा पाण्डेय जी ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये और भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाने लगे कथावाचिका ने श्रीकृष्ण सुदामा प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन मे मित्रता में बड़ा छोटा का भाव एवं ऊंच नीच का भाव नहीं होना चाहिए, मित्रता का भाव एक समान होता है द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण की तरह जैसा उन्होंने श्री सुदामा के साथ मित्रता का व्यवहार निभाया। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत संपूर्ण सिद्धांतों का निष्कर्ष है भागवत कथा को सुनने से जन्म-मृत्यु के भय का नाश होता है। यह ग्रंथ भक्ति के प्रवाह को बढ़ाता है। यही नहीं भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने का यह प्रधान साधन है। मन की शुद्धि के लिए श्रीमद् भागवत से बढ़कर कोई साधन नहीं है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य तथा से त्याग की प्राप्ति होती। भगवान कृष्ण की लोक मानस को गौ पालन की प्रेरणा के संदेश के परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि गौ दुग्ध, दही, मक्खन शरीर बुद्धि को पुष्ट करते हैं, जिसके बल पर ही भगवान श्रीकृष्ण शत्रुओं का संहार करने में सफल रहे इस दौरान मुख्य यजमान जगदंबिका प्रसाद मिश्रा, प्रभाकर पाण्डेय,रितेश मिश्रा,धर्मेश मिश्रा, राहुल मिश्रा, कुलदीप मिश्रा, दिनेश मिश्रा, सूरज श्रीवास्तव, बाबा प्रेमदास, इंद्रजीत उपाध्याय,मिश्रा जी,दुर्गा श्रीवास्तव, कुंदन चौरसिया, हिमांशु साहनी,बाबा बालक दास, तुलसीराम,धीरज,छोटू,विवेक,मंजीत, शिवम तिवारी,राम कुबेर बाबा,आदि लोग मौजूद रहे