October 3, 2025 18:33:13

AIN Bharat

Hindi news,Latest News In Hindi, Breaking News Headlines Today ,हिंदी समाचार,AIN Bharat

भाई को अपने बहन की रक्षा का वादा करने का त्यौहार _रक्षा बंधन

1 min read

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female”]

[URIS id=18422]

महाराजगंज,भाई-बहन के इसी लगाव और समर्पण का त्योहार है रक्षाबंधन। कहते हैं इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधती हैं तो भाई अपनी बहन से उसकी रक्षा करने का वादा करते हैं।भाई-बहन एकदूसरे को इसदिन गिफ्ट्स भी देते हैं और मिठाईयां खाने-पीने का सिलसिला दिनभर चलता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भद्रा काल के समय ही रावण की बहन ने उसे राखी बांधी थी जिस चलते रावण की उस दिन मृत्यु हो गई थी।जाहिरतौर पर रक्षाबंधन बहन और भाई के प्रेम का एक पवित्र त्योहार है जिसे सावन के महीने में मनाया जाता है।पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाते हैं।
इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं। मध्यकालीन युग में राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था।
मां संतोषी की कहानी
एक दिन भगवान श्री गणेश जी अपनी बहन मनसा देवी से रक्षा सूत्र बंधवा रहे थे तभी उनके दोनों पुत्र शुभ और लाभ ने देख लिया और इस रस्म के बारे में पूछा तब बगवान श्री गणेश ने इसे एक सुरक्षा कवच बताया। उन्होंने बताया की यह रक्षा सूत्र आशीर्वाद और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है ।यह सुन कर शुभ और लाभ ने अपने पिता से ज़िद की कि उन्हें एक बहन चाहिए और अपने बच्चों की जिद के आगे हार कर भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न की और अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की आत्मशक्ति के साथ इसे सम्मिलित किया।उस ज्योति से एक कन्या (संतोषी) का जन्म हुआ और दोनों भाइयों को रक्षाबंधन के मौके पर एक बहन मिली।
मां लक्ष्मी ओर राजा बलि की कहानी
एक बार की बात है जब असुर राजा बलि के दान धर्म से खुश होकर भगवान विष्णु ने उससे वरदान मांगने को कहा तो राजा बलि ने विष्णु भगवान से अपने साथ पाताल लोक में चलने को कहा और उनके साथ वही रह जाने का वरदान मांगा।तब विष्णु भगवान उनके सात बैकुंठ धाम को छोड़ कर पाताल लोक चले गए. बैकुंठ में माता लक्ष्मी अकेली पड़ गईं और भगवान विष्णु को दोबारा वैकुंठ लाने के लिए अनेक प्रयास करने लगीं, फिर एक दिन मां लक्ष्मी राजा बलि के यहां एक गरीब महिला का रूप धरण कर के रहने लगीं।जब मां एक दिन रोने लगी तब राजा बलि ने उनसे रोने का करण पूछा. मां ने बताया कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वे उदास हैं। ऐसे में राजा बलि ने उनका भाई बनकर उनकी इच्छा पूरी की और माता लक्ष्मी ने राजा बलि की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा।फिर राजा बलि ने उनसे इस पवित्र मौके पर कुछ मांगने को कहा तो मां लक्ष्मी ने विष्णु जी को अपने वर के रूप में मांग लिया और इस रह श्री विष्णु भगवान बैकुंठ धाम वापस आए।
श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी
माहाभारत के दौरान एक बार राजसूय यज्ञ के लिए पांडवों ने भगवान कृष्ण को आमंत्रित किया. उस यज्ञ में श्री कृष्ण के चचेरे भाई शिशुपाल भी थे।उस दौरान शिशुपाल ने भगवान कृष्ण का बहुत अपमान किया।जब पानी सिर के ऊपर चला गया तो भगवान कृष्ण को क्रोध आ गया। क्रोध में भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल पर अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया लेकिन शिशुपाल का सिर काटने के बाद जब चक्र भगवान श्री कृष्ण के पास लौटा तो उनकी तर्जनी उंगली में गहरा घाव हो गया।यह देख कर द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़कर भगवान कृष्ण की उंगली पर बांध दिया।द्रौपदी के इस स्नेह को देखकर भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और द्रौपदी को वचन दिया कि वे हर स्थिति में हमेशा उनके साथ रहेंगे और हमेशा उनकी रक्षा करेंगे।
महारानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की कहानी
जब चित्तौड़ पर सुल्तान बहादुर शाह आक्रमण कर रहे तब महारानी कर्णावती ने अपने राज्य की सुरक्षा के लिए सम्राट हूमायूं को राखी भेजी और उनसे अपनी रक्षा की गुहार लगाई। हुमायूं ने राखी स्वीकार किया और अपने सैनिकों के साथ उनकी रक्षा के लिए चित्तौड़ निकल पड़े मगर हुमायूं के चित्तौड़ पहुंचने से पहले ही रानी कर्णावती ने आत्महत्या कर ली थी।
यम और यमुना
एक पौराणिक कहानी के अनुसार मृत्यु के देवता यम अपनी बहन यमुना से 12 वर्ष तक मिलने नहीं गये।तब यमुना दुखी हो गई और अपनी मां गंगा से इस बारे में बात की।मां गंगा ने यम तक यह खबर पहुंचाई कि यमुना उनकी प्रतीक्षा कर रही हैं और यह सुनते यम अपनी बहन युमना से मिलने आए।यम को देखकर यमुना बहुत खुश हुईं और उनके लिए बहुत सारे व्यंजन भी बनाए। यम यह प्रेम भाव देख कर बहुत ख़ुश हुए और उन्होंने यमुना को मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा।इस पर यमुना ने उनसे ये वरदान मांगा कि यम जल्द ही फिर से अपनी बहन के पास आए।यम अपनी बहन के स्नेह को देख कर बहुत खुश हुए ।

तहसील प्रभारी महराजगंज AiN भारत NEWS

नमस्कार,AIN Bharat में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 7607610210,7571066667,9415564594 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें