नवरात्रि के पर्व पर जगह जगह सजे माता जगदम्बा के पंडाल
1 min read
नवरात्रि के पर्व पर जगह जगह सजे माता जगदम्बा के पंडाल
थरवई क्षेत्रीय संवाददाता
थरवई / नवरात्रि का पर्व हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण व धार्मिक पर्व माना जाता है। जिसे पूरे भारत वर्ष में बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ लोग मनाते हैं । जिसमें नौ देवियों क्रमस: शैलपुत्री, भ्रह्मचारिणी, चंद्रघटा, माता कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, माता कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि सभी नौ देवियों को नौ रूपों में अलग अलग तरीके से पूजन किया जाता है। नवरात्रि का पर्व वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, अषाढ़, अश्विन मास में होता है। जिसमें चैत्र व शरद नवरात्रि यह दो मुख्य माना जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदू कैलेंडर के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाएगा । शारदीय नवरात्रि को शरद नवरात्रि भी कहते हैं, क्योंकि इसी समय से शरद ऋतु का आगमन भी प्रारम्भ हो जाता है। इस वर्ष रविवार 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर मंगलवार 23 अक्टूबर 2023 को समापन होगी। नवरात्रि का पर्व सभी लोग बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ मनाते हैं । जिसमें महिलाएं एवं पुरुष पूरे नौ दिनों तक उपवास व व्रत रखती हैं। पूर्ण होते ही सभी महिलाएं छोटी छोटी नौ कन्याओं को अपने घर बुला कर बड़े ही सम्मान के साथ उनके पैर को धुला कर सादर सम्मान के साथ पुजा करके भोजन कराती है। नौ देवियों के रूप में उन सभी नौ कन्याओं का आशीर्वाद लेती हैं। फिर सम्मान के साथ उनको विदा करती हैं। वहीं दूसरी ओर नवरात्रि प्रारंभ होते ही जगह-जगह माता के पंडाल सजने लगते हैं ।हर जगह माता की जयकारे से गुलजार होने लगता है ।शारदीय नवरात्रि के प्रारंभ होते ही हिंदू रीति रिवाज के सभी धार्मिक कार्य प्रारंभ होने लगते हैं। लंबे समय से रुके शादी विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रम के आयोजन होने लगते हैं। हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पर्व नवरात्रि का पर्व माना जाता है। उसी क्रम में थरवई अन्तर्गत बहमलपुर मौजा में स्थित दुवारी में आजाद दुर्गा पूजा जागरण कमेटी द्वारा यह पर्व बड़े ही भव्य तरीके से चल रहा है। जिसमें प्रतिदिन माँ जगदम्बा के पंडाल में मधुर मधुर कार्यक्रम प्रस्तुत हो रहे हैं। जिसमें सभी ग्रामवासी बड़े तन मन के साथ कार्यक्रम का आनंद लेते हैं। आजाद दुर्गा पूजा जागरण कमेटी दुवारी के अध्यक्ष आजाद सिंह, कोषाध्यक्ष पवन सिंह, सचिन सिंह, अंकुश सिंह व कार्यक्रम का संचालन प्रिंस सिंह, प्रवीण सिंह, प्रदीप सिंह, शुभम, विपुल, सिंह, सुरेश पटेल, विनोद, कपिल, गोपी, विमल, कन्हई, मनीष, अरुण शर्मा सभी ग्रामवासी मौजूद रहते हुए,साथ ही मौके पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने में पहुंचे संदीप यादव भी उपस्थित रहे।
मां दुर्गा ने किया था महिषासुर का वध
नवरात्रि का पर्व मनाए जाने के पीछे कई तरह की मान्यता है एक पौराणिक मान्यता के अनुसार महिषासुर नाम का एक दैत्य था। ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान पाकर वह देवताओं को सताने लगा था। महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता शिव विष्णु और ब्रह्मा के पास गए इसके बाद तीनों देवताओं ने आदि शक्ति का आवाहन किया। भगवान शिव और विष्णु के क्रोध व अन्य देवताओं से मुख से एक तेज प्रकट हुआ जो नारी के रूप में बदल गया। अन्य देवताओं ने उन्हें अस्त्र शस्त्र प्रदान किए इसके बाद देवताओं से शक्तियां पाकर देवी दुर्गा ने महिषासुर को ललकारा। महिषासुर और देवी दुर्गा का युद्ध शुरू हुआ जो 9 दिनों तक चला। फिर दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया मान्यता है कि इन 9 दिनों में देवताओं ने रोज देवी की पूजा आराधना कर उन्हें बल प्रदान किया। तब से ही नवरात्रि का पर्व मनाने की शुरुआत हुई।