पत्रकार कौन, पत्रकारिता के जन्मदाता कौन, आज का पत्रकार कौनटं
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पत्रकार कौन, पत्रकारिता के जन्मदाता कौन, आज का पत्रकार कौन
अखिल भारतीय मीडिया फाउंडेशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (जितेंन्द्र कुमार)
भारत में पहला अखबार 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिकी के संपादकीय के तहत प्रसारित किया गया था, जिसका नाम हिकी के बंगाल राजपत्र था। 30 मई, 1826 को उदंत मार्टंड (द राइजिंग सन), भारत में प्रकाशित पहला हिंदी-भाषी समाचार पत्र, कलकत्ता (अब कोलकाता) से शुरू हुआ, जिसे प्रत्येक मंगलवार को पं।
भारत में स्वतंत्र पत्रकारिता के जनक व समाजसेवी, ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई सन् 1772 ई में बंगाल के एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। राममोहन जी के पूर्वजों ने बंगाल के नवाबों के यहां उच्च पद पर कार्य किया किन्तु उनके अभद्र व्यवहार के कारण पद छोड़ दिया। वे लोग वैष्णव संप्रदाय के थे। माता शैवमत की थीं। राममोहन राय बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा बांग्ला भाषा में हुई। आपके पिता फारसी भाषा के विद्वान थे। अत: फारसी का ज्ञान अपने पिता के माध्यम से प्राप्त किया। साथ ही अरबी व अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान प्राप्त किया। मां के अनुरोध पर संस्कृत सीखी। इस प्रकार लगभग सात प्रकार की देशी व विदेशी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया।
बीस वर्ष की आयु में उन्होंने पूरे देश का भ्रमण किया तथा जानकारी व ज्ञान में वृद्धि की। इस प्रकार अध्ययन कार्य पूर्ण करने के पश्चात अपनी योग्यता के बल पर शासकीय जनसेवा के उच्च पद पर पहुंचे। सन् 1803 में पिता की मृत्यु के पश्चात 12 वर्ष के बाद ही नौकरी से मुक्त हो गये। इसके बाद का शेष जीवन कलकत्ते में ही व्यतीत किया तथा पूरा जीवन समाज सेवा को अर्पित कर दिया। सन 1816 में उनके परिवार में एक अत्यंत पीड़ादायक घटना घटी। बड़े भाई की मृत्यु हुई। अत: भाई की चिता के साथ ही उनकी पत्नी को चिता पर बैठा दिया गया। इस घटना का उनके मन मस्तिष्क पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि 1885 में सती प्रथा के विरोध में प्रथम धार्मिक लेख लिखा। एक तरह से भारतीय समाज में आचार-विचार की स्वतंत्रता का श्रीगणेश यहीं से प्रारम्भ हुआ। यहीं से समाज सुधार की प्रवृत्ति प्रारम्भ हुई। सती प्रथा के सम्बंध में यह उनका प्रथम प्रयास था।
भारतीय संविधान क्या कहता है
भारत अर्थात भारत राज्यों का एक संघ है यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता संपन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है यह गणराज भारत के संविधान के अनुसार शासित जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया गया था तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी सर्च ना कतिपय एकात्मक विशिषताओं सहित संघीय हो केंद्रीय कार्यपालिका का संविधान प्रमुख राष्ट्रपति है भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार केंद्रीय संसद परिषद के राष्ट्रपति तथा दो सदन जिन्हें राज्य परिषद राज्यसभा लोकसभा के नाम से जाना जाता है संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगा जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्री परिषद में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है। जो कि आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं जो डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं जिसमें न्यूज़ पोर्टल को प्रमुखता दिया गया है लेकिन जिले में प्रशासन न्यूज़ पोर्टल और यूट्यूब चैनल को पत्रकारिता का माध्यम नहीं मानती जबकि मीडिया से ज्यादा ताकतवर इस वक्त सोशल मीडिया है जो भारत सरकार के डिजिटल इंडिया की देन है ऐसे में न्यूज़ पोर्टल या यूट्यूब चैनल वालों को बैन करने का अधिकार किसी अधिकारी कर्मचारी के पास नहीं है। शायद बस्ती जिले के आला अधिकारियों को संविधान का ज्ञान नहीं है जबकि विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों सहित परंपरागत रूप से प्रकाशित अखबारों को प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रेस की स्वतंत्रता कहा जाता है।
*पत्रकारिता का दूसरा स्वरूप न्याय का चौथा स्तंभ*
प्रेस की स्वतंत्रता संविधान में दिया गया किंतु इस समस्या का दूसरा पहलू भी है दुनिया भर में मीडिया कारपोरेट के हाथ में हैं जिसका एकमात्र उद्देश अधिक से अधिक फायदा कमाना है वास्तव में कोई प्रेस स्वतंत्रता है ही नहीं बड़े पत्रकार मोटा वेतन लेते हैं और इसी वजह से हुए अपनी फैंसी जीवन सैली के आदी हो गए हैं वह इसे खोना नहीं चाहते इसलिए वह उनके आदेशों का पालन करते हैं और तलवे चाटते हैं, हमारे ही देश की सरकारें विभिन्न कानून लाकर प्रेस पर काबू पाना चाहते हैं उदाहरण के तौर पर भारत में हाल ही में ऑनलाइन मीडिया वेबसाइट पर निगरानी रखने के लिए नया कानून पेश किया गया है इसके तहत ऑनलाइन कुछ भी छापने पर सरकार नियंत्रण करना चाहती है युवा पत्रकार दमोह भारतीय ने संविधान में उल्लेख किया है कि भारतीय मीडिया पत्रकारों को उनके प्रेस स्वतंत्रता का अधिकार देते हुए निचले स्तर की आवाज ऊपर शासन प्रशासन तक पहुंचाने के लिए किया गया है और प्रेस को स्वतंत्रता दी गई है वह न्याय दिलाने का काम करेंगे इसलिए मीडिया क्षेत्र को न्याय का चौथा स्तंभ कहा गया है।