स्वच्छता सर्वेक्षण में काशी को मिला प्रथम स्थान लेकिन घाटों से लेकर कॉलोनियों तक फैला है कूड़ो का अंबार

जनपद वाराणसी –
स्वच्छता सर्वेक्षण में काशी को मिला प्रथम स्थान लेकिन घाटों से लेकर कॉलोनियों तक फैला है कूड़ो का अंबार
बात की जाए काशी में साफ सफाई की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। न घाटों पर सफाई देखने को मिल रही न कॉलोनियों के अंदर कूड़ा उठ रहा। जगह जगह कूड़ो का ढेर देखने को मिल जाएगा। जबकि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से सबसे स्वच्छ शहर की सूची में पहले नंबर का का स्थान काशी को मिला है और राष्ट्रपति द्वारा काशी के प्रथम नागरिक (मेयर) को पुरस्कार दिया गया। इसके बाद भी काशीवासी गंदगी से है बेहाल।
नगर निगम द्वारा तैनात किए गए सफाईकर्मी पर पार्षदों का होता है नियंत्रण
सफाईकर्मी पर पार्षदों का नियंत्रण होना भी वजह है क्षेत्र में सफाई न होने की वजह। जीते हुई पार्षद द्वारा अपने प्रतिद्वंदी और उसके समर्थको के यहां सफाई न करवाने से भी कूड़ो का अंबार लग रहा है क्षेत्र में। सूत्रों की बात की जाए तो कुछ एक क्षेत्र के पार्षद द्वारा सुपरवाइजर से वसूली भी बांध दी गई जिसके एवज में सफाईकर्मी काम करे या ना करे उनको कोई बोलने वाला भी नहीं है। समस्या ये है की नगर निगम में जितने भी नगर आयुक्त आए वो यदा कदा ही नगरीय क्षेत्र में घूमते नजर आयेंगे। यदि नगर निगम के आयुक्त नगरीय क्षेत्र का औचक निरीक्षण करते तो क्षेत्र के सफाईकर्मी से लेकर सुपरवाइजर तक अलर्ट मोड पर रहते।
प्रधामंत्री के आगमन से पूर्व सफाई अभियान देखने को जरूर मिलता है
काशी में सफाई अगर कभी देखने को मिलती है तो वो समय होता है प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व का, इस समय सफाईकर्मी से ज्यादा सत्तासीन पार्टी के मंत्री, मेयर, विधायक, एमएलसी, पधाधिकारी सहित कार्यकर्ताओं के हाथ में झाड़ू सहित फोटो सोशल मीडिया पर जरूर नजर आ आएगी। इस दिखावे की जगह अगर साफ नेक नियति से सभी लोग पक्ष और विपक्ष मिल कर हाथ से हाथ मिलाएं तो काशीवासी कूड़ो के अंबार से छुटकारा पा सकते है।