श्रीराम जयराम जय जय राम के उच्चारण से गुंजा पंडाल, प्रभु श्री राम की तरह हम मर्यादित जीवन उत्तरदायित्व का निर्वहन करें- प्रमोद शास्त्री
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श्रीराम जयराम जय जय राम के उच्चारण से गुंजा पंडाल,
प्रभु श्री राम की तरह हम मर्यादित जीवन उत्तरदायित्व का निर्वहन करें- प्रमोद शास्त्री
AINभारतNEWS से राजस्थान स्टेट प्रभारी अशरफ़ मारोठी की रिपोर्ट
जसोल- श्रीराम चरित्र अति विचित्र है और परम पवित्र भी है। देवता भी श्रीराम के चरित्र के रहस्य को नहीं समझ पाते। ये बात श्री रांणी भटियाणी मन्दिर संस्थान (जसोलधाम) की ओर से चनणामाई मन्दिर में आयोजित प्रभु श्रीराम मन्दिर (अयोध्या) प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान श्रीराम कथा के षष्ठम दिवस पर कथावाचक पुराण मार्तण्ड कथा रसज्ञ पंडित प्रमोद शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरित मानस का मुख्य सारांश यही है कि हमें प्रभु श्री राम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना होगा। उन्होंने कहा कि आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के चलते जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है, उसी के परिणामस्वरूप आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है। ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति वेदों, पुराणों, ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेगे। उन्होंने कहा कि विद्वान बनना आसान है। सुजान और महान बनना भी आसान है, लेकिन इंसान बनना कठिन है। उन्होंने राम मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के धार्मिक आयोजन के तहत सभी धार्मिक संगठनों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करे, तभी समृद्घ व मर्यादित भारत वर्ष समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम हो सकेगा। उसी के साथ श्रीराम जयराम जय जय राम के उच्चारण से समूचा पंडाल भक्तिरस से सराबोर बन गया।
इन्होंने लिया आरती लाभ
श्री राम कथा के षष्ठम दिवस पर खंडेलवाल समाज की ओर से श्याम सुंदर खंड़ेलवाल ने लिया आरती लाभ, इस अवसर पर कथा के दौरान रामेश्वरलाल भूतड़ा, विनोद शर्मा, घनश्याम सिंह शेखावत, छगन, मोहन, भीमजी माली, उदाराम, पारस सुथार, ईश्वर सिंह इंदा, भंवर जी दर्जी, देवेंद्र कुमार माली, लुंबाराम प्रजापत, अजाराम, प्रतापाराम, विरधाराम लोहार सहित सैकड़ों सनातन धर्म प्रेमीगण मौजूद रहे।