135वी डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की जयंती पर भाकपा एवं समकालीन सोच की ओर से भारद्वाज भवन सभागार में संविधान एवम् लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियाँ विषयक एक गोष्ठी का आयोजन किया गया
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135वी डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की जयंती पर भाकपा एवं समकालीन सोच की ओर से भारद्वाज भवन सभागार में संविधान एवम् लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियाँ विषयक एक गोष्ठी का आयोजन किया गया
रिपोर्टर Ain एम.खालिद
गाज़ीपुर। डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की 135वी जयंती के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं समकालीन सोच की ओर से भारद्वाज भवन सभागार में संविधान एवं लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियाँ विषयक एक गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में डॉक्टर श्रीकांत पाण्डेय ने भारतीय समाज के विसंगतियों ,जाति प्रथा एवं संप्रदायिकता पर चोट करते हुए कहा कि जाति भारतीय समाज कि सच्चाई है।जब तक यह समाप्त नही होगी,समाज के अंदर वैज्ञानिक सोच नहीं आएगी तब तक भारतीय समाज का नव् निर्माण संभव नही है। आगे रामनगीना कुशवाहा समकालीन सोच ने धर्मनिरपेक्षता,लोकतंत्र पर जिस तरह से सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा हमला हो रहा है,उससे संविधान और लोकतंत्र संकट में है। अपना विचार प्रगट करते हुए रामजी यादव ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान प्रस्तुत करते हुए कहा था कि एक वोट,एक मूल्य का अधिकार तो है परन्तु यदि समाज में सामजिक् ,आर्थिक् गैरबराबरी दूर नही की गई तो यह अधिकार भी खतरे में पड़ जायेगा। गोष्ठी में भा क पा राजयकार्यकारिणी सदस्य अमेरिका सिंह यादव, सह सचिव राम अवध, ईश्वरलाल गुप्ता,फरीद आलम,प्रेमनाथ गुप्ता,अरून कुमार सिंह,रामशंकर यादव,अशोक राम, रामलाल,रामशब्द राम, आदि ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता में वैज्ञानिक सोच पैदा करके,उन्हें संगठित करना होगा,तभी इन चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है। अध्यक्षता डॉक्टर इक़बाल एवं संचालन डॉक्टर राम बदन सिंह ने किया।