नापाक हरकतों वालों की बात सुनना भी खतरे से खाली नहीं – महेश प्रसाद त्रिपाठी
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नापाक हरकतों वालों की बात सुनना भी खतरे से खाली नहीं – महेश प्रसाद त्रिपाठी
Ain भारत न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट प्रयागराज
प्रयागराज यमुनानगर (बारा)
इतिहास बताता है कि पृथ्वीराज चौहान ने 17 बार मोहम्मद गोरी को हराया था,लेकिन हर बार उसे जीवित छोड़ दिया। यही दया भाव उनके पतन का कारण बना। 18वीं बार मोहम्मद गोरी ने पूरी तैयारी के साथ हमला किया और पृथ्वीराज को बंदी बना लिया गया।पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद भारत में पहली बार इस्लामिक सत्ता स्थापित हुई। उनके पतन के बाद दिल्ली और पूर्वी राजस्थान तुर्क शासन के अधीन आ गया। यह घटना बताती है कि अधूरे या असमाप्त कार्यों का परिणाम कितना भयावह हो सकता है।आज के संदर्भ में, जब देश के सामने कई चुनौतियां हैं, तो अधूरे समाधान या बीच में छोड़े गए कार्य देश को कमजोर कर सकते हैं। प्रधानमंत्री जी को चाहिए कि वह जो भी योजना या समाधान शुरू करें, उसे पूर्णता तक ले जाएं, ताकि देश को मजबूती मिले और भविष्य में कोई संकट न आए।
पृथ्वीराज चौहान की कहानी हमें यह सिखाती है कि वीरता और साहस के साथ-साथ दूरदर्शिता और निर्णय की पूर्णता भी जरूरी है। अधूरे कार्य या दया भाव कभी-कभी भारी पड़ सकते हैं। इसलिए हर समाधान को पूरी तरह से लागू करना चाहिए, तभी देश सुरक्षित और समृद्ध बन सकता है।अंत में, इतिहास से सीख लेकर वर्तमान नेतृत्व को चाहिए कि वे अधूरे कार्यों को अधूरा न छोड़ें। हर समाधान, हर योजना को पूरी तरह से लागू करें, तभी देश को स्थायी सफलता और सुरक्षा मिल सकती है।
