मृत गाय के शरीरों को नोंच- नोंच कर खा रहे कुत्ते,चील और कौए
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मृत गाय के शरीरों को नोंच- नोंच कर खा रहे कुत्ते,चील और कौए
सोसल मीडिया पर बीडोयो हुआ वायरल
Ain भारत न्यूज़ संवाददाता विनीत द्विवेदी शंकरगढ़ प्रयागराज
ग्रामीणों ने बताया- गौशाला में चारे-पानी की कोई व्यवस्था नहीं, भूख से तड़पकर गायें मर रहीं
योगी सरकार में गौशाला का ऐसा हाल… मृत गायों को खुले में नोचते दिखे कौए
जिंदा गायों को मौत दे रही आजाद गौधाम! भूख-प्यास से तड़प-तड़पकर ई गौमाता की मौत, जगह-जगह लाशें देख फट पड़ेगा कलेजा
नैनी प्रयागराज। कहने को गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। लेकिन नैनी में आजाद गौधाम जिंदा गायों को मौत दे रही हैं। आजाद गौधाम से ऐसा एक नहीं बल्कि कई मामला सामने आया है जहां आजाद गौधाम में गौमाता के लिए न खाने को चारा है और न ही पीने के लिए पानी। भूख से तड़पकर कई गौमाता ने दम तोड़ दिया। जिसनें भी बेजुबान पशुओं की यह दुर्दशा देखी उसका कलेजा फट पड़ा।दरअसल, आजाद गौधाम की देखरेख करने वालों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। देखरेख के अभाव में यहां एक नहीं बल्कि कई गौमाताओं ने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने जब आजाद गौधाम में देखा तो वहां न उनके खाने के लिए न चारे की व्यवस्था थी और न ही पीने के लिए पानी था। वहीं कई गौवंश की हालत बेहद खराब थी। उन्होंने देखा कि गायें इतनी कमजोर हो गई थीं कि अपनी जगह से उठ तक नहीं पा रही थीं। वहीं कई बछड़े भूख से परेशान होकर यहां-वहां दौड़ते दिखाई दिए। ऐसी घटना के बाद सवाल उठना लाजमी है कि जब सरकार इतने लाखों-करोड़ों रुपए गौशाला के लिए दे रही हैं, हर गाय के चारे के लिए रकम दोगुनी की जा रही है तो आखिर इन मासूम पशुओं का चारा आखिर कौन डकार रहा है? इस मामले पर अब शासन इन गायों की मौत के जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई करती है यह देखने वाला विषय है। क्या आजाद गौधाम में गौमाता को चील कौओं के नोचने के लिए छोड़ दिया जाता है। मृत जानवरों के शव को नोचने की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आजाद गौधाम में चारे और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। भूख से तड़पकर गौवंश एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है। कि मृत गोवंश को न तो दफनाया जा रहा है और न ही हटाया जा रहा। आजाद गौधाम के पास शव पड़े रहने से बदबू और गंदगी का आलम है। *जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग* गांव के लोगों ने गौशाला के केयरटेकर, पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम है। ग्रामीणों ने वीडियो वायरल कर प्रशासन से कार्रवाई और गौवंशों के लिए बेहतर इंतजाम की मांग की है। ग्रामीण अब देख रहे हैं कि यह मामला गंभीरता से निपटाया जाएगा या फिर लीपापोती कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।