शैक्षणिक लूट पर लगाम जरूरी; जळगांव के आदेश के बाद पूरे राज्य में लागू हो – सुराज्य अभियान
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सुराज्य अभियान की प्रेस विज्ञप्ति !
दिनांक : 04.06.2025
शैक्षणिक लूट पर लगाम जरूरी; जळगांव के आदेश के बाद पूरे राज्य में लागू हो – सुराज्य अभियान
जळगांव – राज्य की अनेक स्कूलों में विद्यार्थियों को एक ही निश्चित दुकान से स्कूल सामग्री, गणवेश, किताबें, जूते आदि खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है। इस अनिवार्यता के माध्यम से स्कूल प्रबंधन और व्यापारियों के बीच आर्थिक लेन-देन होता है, जिसका सीधा बोझ विद्यार्थियों के पालकों पर पड़ता है। इस अन्याय को रोकने के लिए हिंदू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान के प्रयासों को सफलता मिली है। जळगांव के जिला शिक्षाधिकारी ने ऐसी अनिवार्यता के विरुद्ध स्पष्ट आदेश जारी किए हैं। यह आदेश केवल जळगांव तक सीमित न रखकर पूरे महाराष्ट्र राज्य में लागू किए जाएं, ऐसी मांग सुराज्य अभियान की ओर से महाराष्ट्र शासन से की गई है। यह जानकारी सुराज्य अभियान के श्री. माधव सावळानी ने एक पत्रकार परिषद में दी।
यह पत्रकार परिषद पद्मालय विश्रामगृह, जळगांव में आयोजित की गई थी, जिसमें हिंदू जनजागृति समिति के उत्तर महाराष्ट्र संगठक श्री. प्रशांत जुवेकर, अधिवक्ता निरंजन चौधरी, सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री. नरेंद्र सपकाळे तथा हिंदू जनजागृति समिति के श्री. गजानन तांबट उपस्थित थे।
शाला प्रशासन को आदेश दिया गया है कि वे इन आदेशों के फलक अपने स्कूल परिसर में प्रदर्शित करें। इन आदेशों के अनुसार किसी भी स्कूल को विद्यार्थियों को केवल किसी एक दुकान से सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। विद्यार्थियों को किसी भी दुकान से सामान खरीदने की स्वतंत्रता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार ऐसी अनिवार्यता अवैध है। हालांकि जळगांव जिले का यह निर्णय सराहनीय है, लेकिन यह समस्या केवल एक जिले तक सीमित नहीं है। राज्य के अधिकांश जिलों में स्कूलों द्वारा पालकों को विशेष दुकानों से सामग्री खरीदने को बाध्य किया जाता है, जिससे पालकों की आर्थिक शोषण होता है।
मार्च 2025 में सुराज्य अभियान ने माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे को निवेदन देकर पूरे राज्य में ऐसे आदेश लागू करने की मांग की थी। मंत्री महोदय ने इस पर प्रधान सचिव को कार्यवाही का निर्देश भी दिया था। अब इस पर क्या कार्यवाही हुई, यह सरकार स्पष्ट करे, ऐसी मांग भी की गई है। सुराज्य अभियान ने मांग की है कि, पूरे महाराष्ट्र राज्य में स्पष्ट आदेश त्वरित जारी किए जाएं, बाध्यता करने वाले स्कूलों पर सख्त कार्यवाही की जाए, आवश्यकता हो तो उनकी मान्यता रद्द की जाए, शिकायत दर्ज करने हेतु टोल फ्री नंबर और ई-मेल सुविधा शुरू की जाए। अगर सरकार ठोस कदम उठाती है, तो विद्यार्थियों पर हो रहा आर्थिक अन्याय रुक सकता है, ऐसा विश्वास सुराज्य अभियान ने व्यक्त किया है।
