September 19, 2025 02:00:10

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आशा कार्यकर्ता व ईएमटी की सूझ बूझ से एम्‍बुलेंस में हुआ सुरक्षित प्रसव ।

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आशा कार्यकर्ता व ईएमटी की सूझ बूझ से एम्‍बुलेंस में हुआ सुरक्षित प्रसव ।

AIN भारत न्यूज़ मंडल प्रभारी गोरखपुर नागेश्वर चौधरी

प्रसव के लिए अस्‍पताल ले जाते समय महिला ने एम्‍बुलेंस में ही दिया बच्‍ची को जन्‍म
जच्‍चा और बच्‍चा दोनों स्‍वस्‍थ , परिजनों ने दिया ईएमटी और आशा कार्यकर्ता को धन्‍यवाद

संतकबीरनगर गर्भवती के लिए चलाई जा रही 102 आपातकालीन एम्‍बुलेंस सेवा निरन्तर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रही है। गांव की आशा कार्यकर्ता और एम्‍बुलेंस सेवा के इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) ने बेहतर सूझ बूझ का परिचय देते हुए एक गर्भवती का आपात स्थिति में  एम्‍बुलेंस में ही प्रसव करा दिया। जच्‍चा व बच्‍चा दोनों ही सुरक्षित हैं।

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद में तैनात 102 एम्‍बुलेंस सेवा के ईएमटी मुबारक अली बताते हैं कि विगत 22 जुलाई की शाम 4.27 बजे मगहर के पास स्थित मोहम्‍मदपुर कठार गांव से आशा कार्यकर्ता परमशीला ने फोन किया कि उनके गांव की 24 वर्षीया रिंकी चौहान को प्रसव पीड़ा हो रही है। इसके बाद अपने पायलट रवीन्‍द्र प्रसाद के साथ एम्‍बुलेंस लेकर रवाना हुआ। शाम 4.50 बजे मोहम्‍मदपुर कठार गांव पहुंचकर महिला को एम्‍बुलेंस में बैठाया और आशा कार्यकर्ता को साथ लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के लिए रवाना हुआ। शाम 5.18 बजे के करीब एम्‍बुलेंस बंजरिया वाले रास्‍ते पर पहुंची तो अचानक महिला को प्रसव होने लगा। एम्‍बुलेंस को किनारे रोककर आशा कार्यकर्ता के साथ महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। एम्‍बुलेंस में ही महिला ने एक बच्‍ची को जन्‍म दिया। इसके बाद दोनों को सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी गयी तो वे सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद पहुंचे। मुबारक बताते हैं कि हमें जो प्रशिक्षण मिला था उसी का नतीजा था कि यह प्रसव कराने में सफल हुए, आशा कार्यकर्ता ने भी बेहतर सहयोग प्रदान किया। एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव के समस्त साधन उपलब्ध रहते हैं।

रिंकी चौहान कहती हैं कि उन्हें शाम को अचानक पेट में दर्द होने लगा। पति मजदूरी करने गए थे। अपनी सास को दर्द होने की जानकारी दीं तो वह गांव की आशा को बुलाकर लाईं। एम्‍बुलेंस में जब उन्हें लोग ले जा रहे थे तो रास्‍ते में ही प्रसव होने लगा। एम्‍बुलेंस रोककर आशा दीदी और एम्‍बुलेंस में बैठे स्‍टाफ ने प्रसव कराया। उन्होंने बताया,  ‘‘मुझे बेटी पैदा हुई। बेटी और मुझे कोई परेशानी नहीं है। इससे पहले मेरा एक तीन साल को बेटा है।’’

रास्‍ते से ही एम्‍बुलेंस लेकर चल पड़ी आशा

आशा कार्यकर्ता परमशीला ने बताया, ‘‘हम गांव में दस्‍तक अभियान में लगे हुए थे। उसी समय रिंकी की सास मेरे पास पहुंची और बोलीं कि मेरी बहू की तबियत खराब है। उसे ले जाकर अस्‍पताल में दिखा दो। मैने एम्‍बुलेंस को फोन किया और एम्‍बुलेंस आयी तो मैं रास्‍ते से ही उसे लेकर अस्‍पताल चली गयी। एम्‍बुलेंस बंजरिया के पास पहुंची ही थी कि अचानक रिंकी को प्रसव पीड़ा होने लगी। एम्‍बुलेंस में प्रसव के पश्‍चात उसे सीएचसी खलीलाबाद में भर्ती कराया गया।

बेहतर कार्य कर रही है 102 एम्‍बुलेंस सेवा – डॉ राधेश्‍याम यादव

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ राधेश्‍याम यादव बताते हैं कि सीएचसी खलीलाबाद की एम्‍बुलेंस सेवा बेहतर कार्य कर रही है। पिछले दिनों एम्‍बुलेंस कर्मियों ने रात में दो बजे हाईवे के किनारे उस महिला का प्रसव कराया जिसे बिहार का बस वाला छोड़कर भाग गया था। फिर एम्‍बुलेंस में प्रसव हुआ। मरीजों के परिजनों से अनुरोध है कि जब प्रसव पीड़ा हो तो तुरन्‍त ही एम्‍बुलेंस को काल करें ताकि एम्‍बुलेंस में प्रसव से बचा जा सके।

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