भ्रष्टाचारी डूबा अघोर भ्रष्टाचार में।

भ्रष्टाचारी डूबा अघोर भ्रष्टाचार में
कृष्णा पंडित की कलम से
उन्नाव में आरोप सिद्ध हुआ बनारस बना नया ठिकाना
वाराणसी @ राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान वाराणसी करौंदी का प्रधानाचार्य भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर रहा है जिसकी शिकायत प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ को प्राप्त हुई शासन ने इसकी जांच सीडीओ बाराणसी को सौंपी इसके पहले भी उन्नाव में एक जांच समिति का गठन किया गया था जहां जांच समिति ने इसी प्रधानाचार्य अरुण कुमार यादव के खिलाफ एक करोड़ 7500000 रुपए के गबन का आरोप में पकड़ा था और यह आरोप सिद्ध हुआ था उक्त जांच समिति के अधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह नगर मजिस्ट्रेट उन्नाव निशांत उपाध्याय मुख्य कोषाधिकारी थे !
यह शहर बदलकर भ्रष्टाचार करने में माहिर खिलाड़ी है सपा की सरकार में सपा नेताओं व बीच के लोगों से संबंध रखकर भ्रष्टाचार का पैमाना तय करता रहा वहीं सरकार व सत्ता बदलने के बाद इसने भी अपना मनोयोग बदलते हुए भाजपा के कुछ तत्कालीन और वर्तमान में दलाल टाइप के नेताओं से संबंध बनाकर पैसे के दम पर लूट मचा रखा है इसके खिलाफ जांच जिलाधिकारी के आदेशानुसार सीडीओ को सौंपी गई है अब आगे देखना होगा कि आरोप सिद्ध होते ही कौन से शहर में यह अपना दूसरा ठिकाना खोजता है !
कई संगीन आरोप
1.अप्रेंटिस के नाम पर मनमानी पैसा वसूलना
2. मैनेजमेंट की सीट के नाम पर घूसखोरी व अनियमितता
3. आवासीय कर्मचारियों के आवंटन में भ्रष्टाचार
4. प्रिंसिपल पद का दुरुपयोग कर अक्सर जिले से गायब रहना जबकि शासन के आदेश अनुसार बिना जिलाधिकारी के अनुमति प्राप्त किए जिले से बाहर नहीं जा सकता !
5. संस्थान को समाजवादी पार्टी का कार्यालय बना कर रख देना व समाजवादी पार्टी की गतिविधियों में संलिप्तता !
6.लगातार पांच वर्ष से एक ही जगह पर कार्यरत होना जबकि शासन आदेश अनुसार 3 वर्ष तक ही सीमित किसी प्राचार्य को एक स्थान पर होने का आदेश !
7. यह एक कम अपनी पारिवारिक कंपनी बनाया है जिसके माध्यम से संस्थान की समस्त टेंडर को स्वयं अर्जित कर पैसे का गबन कर रहा है !
अब देखना होगा कि सीडीओ साहब की जांच कहां तक पहुंचती है और कौन सी करवाई से नवाजाते है जेल या जुर्माना !!