
1-दीपकों के उत्सव पर जिंदगी में रोशनी के लिए आलोक-एक्सप्रेस का ‘मां’ के धाम में आगमन
मण्डलीय अस्पताल का अंधकार दूर करने के लिए दीये-बाती की समुचित व्यवस्था की कवायद
2-नगर-निकाय अध्यक्ष चुनाव ठंडक के साथ कदमताल कर रहा
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मिर्जापुर। अखिल ब्रह्मांड के आलोक-धाम में देव-दीवाली पर्व पर मन्दिर और गंगा-घाट दीपों से आलोकित हो रहे थे तो दूसरी ओर चन्द्र-ग्रहण के चलते चन्द्रमा की रोशनी एक घण्टा 9 मिनट लुप्त हो गई थी ऐसे द्वंद्व भरे माहौल में प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जिले के लोगों की सेहत के मंदिर को आलोकित करने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सा श्री आलोक कुमार कतिपय नई व्यवस्था का दीपक प्रज्वलित करने आए थे। इसके तहत महिला अस्पताल की 4 मंजिला नई बिल्डिंग बनने की राह को भी आलोकित करने का काम कर गए एवं राजकीय निर्माण निगम से कहा है कि कोरोना जमाने के L-2 बने सेंटर को इतना जल्द दुरुस्त करे ताकि यहां महिला अस्पताल शिफ्ट हो सके।
मण्डलीय अस्पताल में 90 मिनट रहे
प्रायः मंत्री और अधिकारी जब भी जिले में आते हैं तो उनके कार्यक्रमों में विन्ध्याचल देवी के दर्शन के साथ धरातल से लगभग 200 फीट ऊपर डांकबगले में समीक्षा के बाद विश्राम तथा प्रस्थान का उल्लेख रहता है। वे ही लोग धरातल पर उतरते हैं जिन्हें कहीं अपने परिचितों या रिश्तेदारों के यहां जाना रहता है लेकिन मंगलवार, 8/11 को आए श्री आलोक कुमार धरातल पर ही नजर आए । 90 मिनट वे मण्डलीय अस्पताल के विविध कोनों को अलोकित करते दिखाई पड़े। जिसमें इमरजेंसी, चिल्ड्रेन वार्ड, फीमेल वार्ड, डेंगू वार्ड, सेंट्रल लैब, महिला अस्पताल, कोरोना कैम्पस रहा। सबमें वे घूमते रहे।
सेरेब्रल पालिसी के बच्चे पर पड़ी जब नज़र
चिल्ड्रेन वार्ड में वे बाल-भगवान माने जा रहे बच्चों के इलाज का जायजा ले रहे थे कि उनकी नजर एक गरीब परिवार के 3 वर्षीय बच्चे पर पड़ी। उसके पास आए। पता चला कि वह सेरेब्रल-पालिसी (CP) बीमारी से ग्रस्त है। यह ऐसी बीमारी है कि पैसा तो बहुत लग जाता है बीमारी में पर रिजल्ट नहीं के बराबर मिलता है। इधर 10 बच्चों में एक-दो बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ जा रहे है। गरीब परिवार की बेबसी देखकर उनका मन पसीज-सा गया और उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से इस बच्चे का पूरा विवरण लखनऊ भेजने के लिए कहा ताकि उसका इलाज किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में और अच्छे ढंग से हो सके।
मालती, कैसी हो
अपनी उम्र 22-23 के आधे हुए प्लेटलेट्स होने से बदहवास होकर डेंगू वार्ड में भर्ती मालती नामक महिला से जब प्रमुख सचिव ने उसके स्वास्थ्य और इलाज के बारे में पूछा तब वह प्रसन्न हो गई। बोली-‘जीवन में खुशबू की आशा छोड़ चुकी थी लेकिन अब तो वह बहुत बेहतर है।’ महिला के इस जवाब से श्री कुमार को लगा कि इलाज के मामले में व्यवस्था अच्छी है। इसको उन्होंने स्वीकार भी किया।
मेडिकल कॉलेज में बैठक
यहां भी लगभग 30 मिनट वे रहे। बैठक में CDO श्रीलक्ष्मी बीएस, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज डॉ आरबी कमल, CMO डॉ राजेन्द्र प्रसाद, CMS डॉ अरविन्द कुमार आदि थे। विवध व्यवस्थाओं के साथ डेंगू को जमीदोंज करने की प्लानिंग पर विचार-विमर्श हुआ। श्री कुमार स्थानीय जिला प्रशासन और मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन की पीठ थपथपा गए।
अटक गया है नगर-निकाय चुनाव
गुजरात में विधानसभा चुनाव के चलते नई दिल्लीके MCD का चुनाव प्रभावित हुआ है तो यूपी के नगर-निकाय का न हो, यह कहाँ तक असंभव है? गुजरात और नई दिल्ली में एक ही दिन मतदान है ताकि आप दिल्ली में उलझी रहे। गुजरात चुनाव के चलते यूपी के निकाय चुनाव पर भी कुछ काल के लिए ग्रहण लग सकता है। गुजरात में 5 दिसंबर के बाद जब यूपी के नेता खाली होंगे तब अध्यक्ष और महापौर के आरक्षण पर मुहर लगेगी। ऐसी स्थिति में चुनाव दिसंबर के अंत तक जाने की संभावना बताई जा रही है। पिछली बार यहां 12 दिसंबर को शपथ हुआ था और प्रथम बैठक 6 जनवरी को हुई थी। पालिका का कार्यकाल 5 जनवरी तक है। लगभग यही स्थिति पूरे प्रदेश की भी थी, लिहाज़ा अध्यक्ष पद के दावेदार आरक्षण का पिटारा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इस तरह निकाय चुनाव अभी गुलाबी ठंड के साथ यारी निभा रहा है।