गो-आश्रय स्थल,पांडर का लटकता ताला, गो वंशों की कर रहा रखवाली
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गो-आश्रय स्थल,पांडर का लटकता ताला, गोवंशों की कर रहा रखवाली
संजीत कुमार की खास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज
लालापुर – प्रयागराज।प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने आवारा पशुओं के संरक्षण व उनकी मौत का प्रतिशत कम करने के लिए गाँवों और कस्बों में गो-आश्रय स्थल बनवा रखा है लेकिन वही गो आश्रय-स्थल पशुओं के कत्लगाह बनते जा रहे हैं।इस योजना के संचालन में लगे सक्षम अधिकारी केवल कभी कभी गो आश्रय-स्थलों में पहुंचकर फोटो खिंचवाने के बाद शासन को भेज देने में ही जिम्मेदारी की इतिश्री कर दिया करते हैं।
जसरा विकासखंड के पांडर गाँव में बने गौशाले की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि पशु चारा, भूसा,पानी समय पर न दिये जाने से गोवंशों की मौत हो रही है।ऐसा लगता है कि जिम्मेदारों की लापरवाही से गौशाला, कत्लखाने में तब्दील हो गया है।इसके अंदर एक गोवंश मृत है, दूसरी मौत की प्रतीक्षा में है, वातावरण दुर्गंध युक्त है।दोपहर बाद भी इस गो आश्रय स्थल का ताला बंद मिला,जो यह बताने के लिए काफी है कि बाहर का नजारा देख लिया है लेकिन अंदर कुछ देखने काबिल नहीं है।सम्पर्क करने पर सीडीओ ने बताया कि जानकारी के अनुसार इस शिकायत को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेते हुए दोषियों पर कार्यवाही होगी। खंडविकास अधिकारी जसरा से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, पर उनका फोन नहीं उठा।वहीं एडीओ पंचायत जसरा ने लीपापोती करते हुए कहा कि नहीं, बन्द नहीं होगा, अच्छा, मैं अभी दिखवाता हूँ, गड़बड़ी नहीं हो सकती।वहीं सचिव ने बताया कि गौशाला 11 बजे से शाम चार बजे तक बन्द रहता है।मुख्य विकास अधिकारी शीपु गिरि ने बताया कि सरकार की ओर से गौशाले को बन्द करने की कोई गाइडलाइंस नहीं है।हर समय खुला रहना चाहिए।
अब प्रश्न यह है कि जानवरों का चारा भूसा लोग खाने के लिए लालायित रहते हैं, जो कि बेहद निंदनीय है। स्थानीय लोगों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी के अधिकारी कब इन बेजुबानों के साथ हो रही बर्बरता को छिपाते रहेंगे, दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।