श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा का रसपान जरूरी:बृजबिहारी जी महाराज

श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा का रसपान जरूरी:बृजबिहारी जी महाराज
संजीत कुमार की खास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज
लालापुर प्रयागराज।।शिवपुरी कॉलोनी जसरा में त्रिपाठी बंधुओं द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा यज्ञ में दूसरे दिन कथा व्यास श्री बिहारी जी महाराज ने शुकदेव जी के जन्म का वृत्तांत विस्तार से बताया। उन्होंने कथा के शुभारंभ में कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की बहुत बड़ी कृपा है, जिसकी वजह से आप आज ज्ञान गंगा का रसपान कर रहे हैं। क्योंकि जिन्हें गोविंद प्रदान करते हैं जितना प्रदान करते हैं,वही मिलता है यदि आप भगवान भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं कुछ सीखना चाहते हैं,तो कथा में प्यासे बनकर आना होगा। कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से यदि आते हैं,तो भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं,बल्कि बहुत कुछ प्रदान करती है। मानव जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़कर विषय वस्तु भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान सांसारिक विषयों को भोगने में ही लगा रहता है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति होना चाहिए, जो शाश्वत है। यदि हमारा उद्देश्य भगवान की भक्ति को पाकर ही शरीर को छोड़ने का बन जाता है,तो यही जीवन की सच्ची सार्थकता होगी। क्योंकि श्री हरि से बढ़कर कोई और सुख संपत्ति या वैभव नहीं है। जिस स्थान पर श्रीमद् भागवत कथा होती है वहां श्री नारायण स्वयं अपने भक्तों से मिलने अवश्य आते हैं। इसलिए बिना जाति या किसी भेदभाव के छल कपट, दम्भ,क्रोध, मोह, लोभ, ईर्ष्या आदि को छोड़कर भगवान के नाम का स्मरण अवश्य करना चाहिए। श्री महाराज जी ने और भी अनेक दिव्य एवम् मनोहारी चरित्रों को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसमें उपस्थित श्रोतागण भाव विभोर होकर सराबोर रहे। कथा यजमान के रूप में श्रीमती गोमती देवी कथा श्रवण करते समय उनके नेत्रों से भाव विभोर होकर अश्रु धारा फूट पड़ी। कथा पंडाल में सतीश कुमार पांडेय, कृपा नंद शर्मा, लल्लन गुरु, अनिल कुमार भार्गव, राजेश कुमार मिश्रा, ज्ञानेन्द्र पाठक, उपेन्द्र द्विवेदी, कुलदीप द्विवेदी, राजू कुशवाहा, सुरेन्द्र सिंह, राहुल पाल,अखिल त्रिपाठी, शीलू महाराज, शोभित त्रिपाठी, प्रशांत त्रिपाठी, प्रसून त्रिपाठी,अंश त्रिपाठी, प्रांजल त्रिपाठी सहित सैकड़ों महिलाएं भी उपस्थित रहीं। इस दौरान मंच संचालन श्री हरिकेश शर्मा जी ने किया। कथा के अंत में सभी भक्तों द्वारा श्री भागवत भगवान की आरती उतारी गई, उसके बाद प्रसाद वितरण हुआ।