भेलूपुर थाना क्षेत्र के चर्चित नितेश हत्याकाण्ड के आरोपितों का अब होगा नार्को टेस्ट

वाराणसी
भेलूपुर थाना क्षेत्र के चर्चित नितेश हत्याकाण्ड के आरोपितों का अब होगा नार्को टेस्ट
निवर्तमान थानाध्यक्ष रमाकांत दूबे ने अठारह दिन में लगाया था एफआर,इस हत्याकांड में ग्यारह लोग है नामजद
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश कुमार सिन्हा ने नार्को टेस्ट कराए जाने का दिया आदेश, आरोपितों को भेजा गया नोटिस
प्रतापगढ़ निवासी नीट प्रतियोगी छात्र 20 वर्षीय नितेश मिश्रा का सुंदरपुर में 12 जुलाई 2022 को हुआ था संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
इस हत्याकाण्ड में पूर्व विवेचक बर्खास्त इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे ने अठारह दिन में ही फाइनल रिपोर्ट लगाकर अदालत में दाखिल कर दिया था।वादी ने इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वाराणसी की अदालत में प्रोटेस्ट दाखिल कर अग्रिम विवेचना की गुहार लगाई। जिस पर अदालत ने अग्रिम विवेचना का आदेश दिया।जिसकी विवेचना चौंक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा कर रहे हैं।
मालूम हो कि नीट प्रतियोगी छात्र नितेश मिश्रा निवासी शेषपुर अठगवां थाना पट्टी जिला प्रतापगढ़ वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के शुकुलपुर सुंदरपुर में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। 12 जुलाई 2022 की शाम उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के चाचा रवीन्द्र मिश्रा की तहरीर पर आठ दिन बाद भेलूपुर थाने में 11 नामजद व एक अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन विवेचक रमाकांत दुबे ने आरोपितों से मिलकर मामले में अठारह दिन में फाइनल रिपोर्ट लगाकर अदालत में पेश कर दिया। वर्तमान में विवेचना चौंक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा द्वारा संचालित है जिनके आग्रह पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश कुमार सिन्हा ने आरोपितो का नार्को टेस्ट कराएं जाने के लिए आरोपितों को नोटिस भेजकर न्यायालय समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है।
डीजीपी ने दिया था विवेचना हटाने का आदेश
पीड़ित निष्पक्ष विवेचना को लेकर जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के साथ ही उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया की भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे निष्पक्ष विवेचना नहीं कर रहे हैं और आरोपितो से मिले हुए हैं और पैसा लेकर फाइनल रिपोर्ट लगा देंगे जिस पर डीजीपी ने पुलिस कमिश्नर वाराणसी को 16 अगस्त 2022 को आदेश दिया कि विवेचना किसी दूसरे से कराई जाएं। 17 अगस्त को जब यह खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई तो अट्ठारह अगस्त को ही पूर्व विवेचक रमाकांत दुबे ने अठारह दिन में ही फाइनल रिपोर्ट लगाकर अदालत में दाखिल कर दिया था। जिसकी चर्चाएं लोगों की जुबान पर रही कि 302, जैसे संगीन मामले में नामजद आरोपितों को अठारह दिन में ही विवेचक रमाकांत दुबे ने क्लीन चिट कैसे दे दिया।