प्रयाग विद्यापीठ की प्राचार्या को न्यायालय के आदेश पर भेजा जेल

डॉ० रजनी त्रिपाठी प्राचार्या पद पर वर्ष 2002 में प्रयाग महिला विद्यापीठ डिग्री कॉलेज प्रयागराज में एक वर्ष की परिवीक्षा काल पर नियुक्त हुई इनका कार्य व्यवहार सन्तोषजनक न होने के कारण परिवीक्षा काल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया जिससे क्षुब्ध होकर स्वेच्छा से त्यागपत्र दे दिया। त्यागपत्र स्वीकार होने पर दिनांक 13.10.2003 को महाविद्यालय से कार्यमुक्त हुई और दिनांक 14.10.2003 को अपने पूर्व के महाविद्यालय डी.वी. कॉलेज उरई में प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर पुनः कार्यभार ग्रहण कर लिया। तत्पक्षात् दिनांक 18.10.2003 को निर्देशक उच्च शिक्षा को प्रार्थना पत्र दिया कि त्यागपत्र देने के बाद उसको उन्होंने वापस ले लिया था। जाँच के दौरान मूल त्याग पत्र जाँच अधिकारी से छीनकर डॉ. रजनी त्रिपाठी अपने मुँह में डालकर चबा गई जिसके बाबत सिविल लाइन्स थाने में इनके विरुद्ध महाविद्यालय के प्रबंध समिति द्वारा दिनांक 29.01.2004 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई। आरोप पत्र दाखिल होने के पश्चात् सी.जे.एम. न्यायालय में मुकदमा लम्बित है जिसमें इनके विरुद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी है।
बादहूँ डॉ. रजनी त्रिपाठी ने त्यागपत्र वापसी का कूटरचित तैयार किया इसके बावत भी इनके विरुद्ध थाना सिविल लाइन्स प्रयागराज में दूसरा एफ. आई. आर. दिनांक 31.03.2004 को दर्ज करायी गई, जिसमे भी सी. जे. एम. न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया था उपरोक्त दोनों मुकदमों में न्यायालय में कभी हाजर नहीं हुई। वर्ष 2013 में प्राचार्या द्वारा महाविद्यालय कार्यालय में दिए गये बाउचर जाँच में फर्जी पाये जाने पर इनके विरुद्ध थाना सिविल लाइन्स में धोखाधड़ी कूटरचना सरकारी धन को हड़पने की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना सिविल लाइन्स प्रयागराज में दर्ज करायी गयी और आरोप पत्र माननीय सी.जे.एम. न्यायालय में दाखिल होने पर मुकदमा पंजीकृत हुआ और सी. जे. एम. न्यायालय द्वारा इस मुकदमें में जमानती वारण्ट जारी किया गया था। उपरोक्त मुकदमों में डॉ. रजनी त्रिपाठी कभी भी न्यायालय में उपस्थित नही हुई।
फरवरी 2018 से फरवरी 2023 तक डॉ. रजनी त्रिपाठी उ.प्र. उच्चतर शिक्षा आयोग प्रयागराज मने सदस्य रहीं वहाँ भी सदस्य के पद पर रहते हुए अपने पदीय दायित्वों का दुरुपयोग करने आयोग के सदस्यों से अमर्यादित आचरण करने आयोग की गोपनीयता भंग करने आदि आरोपों के कारण उ.प्र. शासन लखनऊ के पत्र दिनांक 24 जनवरी 2019 के द्वारा इनको कारण बताओ नोटिस जारी की गई और आयोग द्वारा डॉ. रजनी त्रिपाठी को आयोग की बैठकों एवं साक्षात्कार बोर्ड में बैठने से रोक दिया गया था। यह जहाँ भी रहीं इनका क्रिया कलाप विवादित रहा प्रयागराज शहर में डॉ. रजनी त्रिपाठी का स्वयं का भवन सं. 141/59 अलोपीबाग में स्थित है जहाँ वह निवास करती हैं। दिनांक 28.07.2023 को वर्ष 2004 के मुकदमों में जारी गैर जमानती वारण्ट व 2013 में दर्ज मुकदमे में न्यायालय द्वारा जारी जमानती वारण्ट के कारण सिविल लाइन्स थाने की पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर सी. जे. एम. न्यायालय में पेश किया। न्यायालय के आदेश से उन्हें जेल भेज दिया गया।