September 17, 2025 10:14:15

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की वजह से निलंबित हुए दरोगा के पक्ष में हुई लामबंदी

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की वजह से निलंबित हुए दरोगा के पक्ष में हुई लामबंदी

वाराणसी। मामला संकटमोचन चौकी से जुड़ा हुआ था जहां छात्रों के दो गुटों में जम कर मारपीट हुई और मामला पहुंचा लंका थाना क्षेत्र के संकटमोचन चौकी। सूचना पर घटना स्थल पर पहुंच चौकी प्रभारी द्वारा मौके से चार लोगों को चौकी पर लाया गया। पूछताछ के नाम पर छात्रों के साथ चौकी प्रभारी द्वारा बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई। इस दौरान मौके पर मौजूद एक व्यक्ति द्वारा पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया गया। मारपीट का ये वीडियो दो दिन बाद सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ही डीसीपी काशी गौरव बंसल द्वारा चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर करते हुए इसकी जांच आईपीएस डॉ ईशान सोनी (एसीपी भेलूपुर) को सौंपी गई। जांच में चौकी प्रभारी के दोषी पाए जाने के बाद निलंबन की कार्यवाही के साथ ही विभागीय कार्यवाही का भी निर्देश जारी किया गया।

जांच को प्रभावित करने की नियत से चौकी प्रभारी ने वायरल करवाया सीसीटीवी फुटेज

डीसीपी काशी गौरव बंसल द्वारा वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए जहां चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर जांच का आदेश एसीपी भेलूपुर को देने की सूचना मिलते ही इस मामले का सीसीटीवी फुटेज और खबर अपने कुछ तथाकथित पत्रकारों के साथ मिल कर सोशल मीडिया पर दरोगा द्वारा अपने पक्ष में चलवाएं जाने लगी। जबकि यक्ष प्रश्न ये है कि :-
1) जिन लोगों ने मारपीट किया जब उनको चौकी लाया गया तो चौकी प्रभारी ने उन पर कार्यवाही क्या की ? 2) क्या उन छात्रों के खिलाफ कोई मुकदमा लिखा गया?
3) मारने पीटने के बाद उन छात्रों को छोड़ क्यों गया ?
4) अगर ये छात्र मारपीट में शामिल है तो चौकी प्रभारी छात्रों को मारते वक्त किन पांच लोगों के बारे में पूछ रहा है ?
4) क्या इस पूरे प्रकरण में पैसे का खेल नहीं है ?

सीसीटीवी फुटेज वायरल कर दरोगा ने एक आईपीएस अधिकारी की जांच पर उठाई ऊंगली

वायरल वीडियो के प्रकरण की जांच आईपीएस डॉ ईशान सोनी (एसीपी भेलूपुर) द्वारा की गई जिसमें तत्कालीन चौकी प्रभारी नवीन चतुर्वेदी को दोषी पाया और इस जांच के आधार पर डीसीपी काशी द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्यवाही को आदेशित किया। जबकि तत्कालीन चौकी प्रभारी ने सीसीटीवी फुटेज वायरल कर अपने अधिकारी के जांच को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। वैसे इस पूरे प्रकरण में चौकी से पोषित एक वर्ग द्वारा दरोगा को सिंघम बनाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

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