मानकों को ताकपर रख धड़ल्ले से चल रहीं मीट की दुकाने, प्रभावी कार्रवाई न होने से कसाइयों के हौसले बुलंद।
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मानकों को ताकपर रख धड़ल्ले से चल रहीं मीट की दुकाने, प्रभावी कार्रवाई न होने से कसाइयों के हौसले बुलंद।
AiN भारत न्यूज़ संवाददाता संजीत चतुर्वेदी बारा प्रयागराज
शंकरगढ़ प्रयागराज।। नारीबारी अंतर्गत स्थानीय कस्बे तथा कई अन्य प्रमुख स्थानों, ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली हाट बाजारों में अवैध तौर पर चल रहीं मीट चिकन की मार्केट दर्जनों दुकानें फूड सिक्योरिटी स्टैंडर्ड की जमकर धज्जियाँ उड़ा रही हैं। बिना किसी मानक को पूरा किए व नियमों को ताकपर रखकर बिना लाइसेंस के ही मीट की दुकानों का बेधड़क संचालन किया जा रहा है। लगातार शिकायतों के बावजूद भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्यवाई ना होने के चलते अवैध मांस का कारोबार करने वाले मीट कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। बताते चलें कि शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नारीबारी में गल्ला मंडी के मुख्य बाजार में पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से मीट मार्केट चिकाई मार्केट संचालित हो रही है। वहीं आस -पास के कस्बे सहित कुल मिलाकर लगभग दर्जन भर मीट की अवैध दुकानें चल रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया जैसे – मजूर अहमद, विशंभर नाथ, बलीराज सिंह, आशा सिंह, हजारीलाल सिंह, सुधाकर नाथ सिंह पुर्व प्रधान, दर्जनों बार संबंधित अधिकारियों विभाग को शिकायत करने के बाद भी आज तक कार्यवाई शून्य है। मार्केट व आबादी के आस- पास रहने वाले लोगों दुकानदारों को मीट अवशेषों से फैलने वाली गंदगी व भयंकर बदबू के चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि नारीबारी पुलिस चौकी के पास गल्ला मंडी में मीट के कारोबारियों को खुला संरक्षण प्राप्त है। जिसके चलते स्थानीय पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। वहीं नारीबारी चौकी अंतर्गत आस-पास के कस्बे सहित एवं तिराहा, चौराहे,आदि जगहों पर बिना लाइसेंस व एनओसी के धड़ल्ले से मीट की दर्जनों दुकानें संचालित हो रही है। इन अवैध दुकानों पर खुलेआम मांस बेचने के साथ-साथ दूषित मांस की बिक्री भी की जाती है। एफएसडीए के निर्धारित मानकों का खुला उल्लंघन करते हुए मीट कारोबारी पुलिस प्रशासन या स्थानीय निकाय द्वारा एनओसी प्राप्त किए बिना ही मांस की बिक्री करते हैं। नारीबारी गल्ला मंडी के बीच में तो एक मीट की दुकान बिल्कुल सटी हुई संचालित होती है। उचित निस्तारण ना होने से दुकानों के आसपास भारी गंदगी फैलने व दूषित मांस खाने से लोगों में संक्रमण व गंभीर बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। पशुओं को काटने से पहले वेटनरी डॉक्टर से जांच की प्रक्रिया भी कभी पूरी नहीं की जाती है।