जनपद वाराणसी: में भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की हत्या और घटना में लापरवाही बरतने पर पूरी नगर निगम पुलिस चौकी निलंबित हो गई। चौकी इंचार्ज, दरोगा, फैंटम और डाक मुंशी तक निलंबित हो गए। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के इस कार्रवाई से महकमे में खलबली मची है। उप निरीक्षक प्रकाश सिंह को नगर निगम पुलिस चौकी इंचार्ज बनाया गया।
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जनपद वाराणसी: में भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की हत्या और घटना में लापरवाही बरतने पर पूरी नगर निगम पुलिस चौकी निलंबित हो गई। चौकी इंचार्ज, दरोगा, फैंटम और डाक मुंशी तक निलंबित हो गए। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के इस कार्रवाई से महकमे में खलबली मची है। उप निरीक्षक प्रकाश सिंह को नगर निगम पुलिस चौकी इंचार्ज बनाया गया।
हत्याकांड में नामजद पांच आरोपियों को सिगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अन्य की गिरफ्तारी कोे लेकर दबिश जारी है। उधर, दोपहर बाद पशुपति नाथ सिंह का मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि बेटे राजन सिंह ने दी। कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव समेत अन्य भाजपा नेताओं ने अर्थी को कंधा दिया।
40 की संख्या में आए मनबढ़ युवकों ने किया था हमला
बुधवार की रात दरवाजे पर भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की हत्या और बेटे राजन सिंह पर जानलेवा मामले में सिगरा पुलिस की हुई कार्यवाही पाच गिरफतार
देसी शराब और बीयर ठेका के पास बुधवार की रात विवाद के बाद दो दर्जन से अधिक संख्या में आए मनबढ़ युवकों ने पशुपति नाथ सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बचाव में आए बेटे राजन सिंह को भी मारपीट कर घायल कर दिया था। पुलिस आयुक्त के अनुसार दिनेश पाल निवासी शिवपुरवा, सूरज यादव, अनूप सरोज, मंटू सरोज, अभिषेक सरोज सभी निवासी चंदुआ छित्तूपुर को गिरप्तार किया गया है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
आरोपी मंटू सरोज, राहुल सरोज, अभिषेक, अनूप सरोज, दिनेश पाल, सुरेश सरोज, गणेश, आर्यन सरोज, श्याम बाबू, सूरज, विशाल राजभर, विकास राजभर, मनीष पांडेय, पवन, साहिल, संदीप गुप्ता, रमेश और अन्य अज्ञात है।
307 नंबर गैंग के सदस्यों पर दर्ज हुआ 302 का मुकदमा* भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह (71) की हत्या करने वाले मनबढ़ 307 गैंग के सदस्य हैं। इस गैंग के 17 नामजद और 30 अज्ञात सदस्यों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। घटना के वक्त पशुपति नाथ सिंह के बेटे कोचिंग संचालक रूद्रेश प्रताप सिंह ने बताया कि घर के बगल स्थित शराब ठेके पर रात में गैंग नंबर 307 का कर्ताधर्ता छित्तूपुर निवासी मंटू सरोज और राहुल सरोज अपने दो साथियों के साथ नशे में शराब ठेके के पास उपद्रव कर रहा था।
इस बीच छोटे भाई राजन ने हटने को कहा तो सभी धमकी देते हुए चले गए। कुछ देर बाद मंटू, राहुल और अभिषेक लगभग 40 लड़कों के साथ हॉकी-रॉड और लाठी-डंडे से लैस होकर आए। मंटू, राहुल और अभिषेक ने अपने साथ के लड़कों को ललकारते हुए कहा कि राजन को मार डालो। तीनों के ललकारने पर सभी राजकुमार सिंह उर्फ राजन पर हमला शुरू कर दिए और वह चीखते हुए सड़क पर गिर पड़े, लेकिन सभी उन्हें जान से मारने की नीयत से मारते रहे।
शोरगुल सुन पिता पशुपतिनाथ सिंह भागकर घटनास्थल पर पहुंचे तो सभी ने उन पर भी ताबड़तोड़ हमला शुरू कर उन्हें सड़क पर गिरा दिया। घटना के समय दहशत का ऐसा माहौल था कि युवकों के सामने कोई जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। कालोनी में लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। बदमाश जब हॉकी-रॉड और लाठी-डंडा लहराते हुए चले गए तो भाई और पिता को लेकर हमलोग बीएचयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने पिता को मृत घोषित कर दिया और भाई का उपचार जारी है।