बाबा साहब के बताये मार्गो पर चलने से ही उनकों सच्ची श्रद्धांजलि होगी-बच्चाराम बौद्ध।
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बाबा साहब के बताये मार्गो पर चलने से ही उनकों सच्ची श्रद्धांजलि होगी-बच्चाराम बौद्ध।
रिपोर्ट सूरज श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ सिद्धार्थनगर
डुमरियागंज स्थित अंबेडकर परिवर्तन चौक, शाहपुर व जमौता जमौती में संविधान निर्माता बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम
सिद्वार्थनगर जिले में मंगलवार को भारतीय संविधान निर्माता, दलितो, शोषितो, वंचितो के मसीहा परम पूज्य बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नगर स्थित अम्बेडकर परिवर्तन चौक,शाहपुर आंबेडकर पार्क, मित्र संघ कार्यालय, बेंवा स्थित रामकुमार गौतम पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सेखुई, कादिराबाद व जमौता-जमौती गांव में विचार गोष्ठी व बैठक आयोजित कर बौद्ध समाज के लोगो ने डा आंबेडकर के जीवन संघर्षो पर विधिवत रूप से प्रकाश डाला। इस दौरान वक्ताओं ने बाबा साहब के जीवन संघर्षो का बखान अपने शब्दो मे किया और उनके बताए हुए मार्गो पर चलने का संकल्प लिया नगर स्थित अम्बेडकर परिवर्तन चौक पर संविधान निर्माता बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस बड़े ही धूम से मनाया गया सर्वप्रथम बौद्वाचार्य बच्चाराम बौद्ध ने बाबा साहब के प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित किया जिसके बाद उन्होंने उपस्थित लोगों को त्रिशरण पंचशील ग्रहण कराया। अपने संबोधन में बच्चाराम बौद्ध ने कहा कि आज के दिन 6 दिसम्बर 1956 को बाबा साहब इस दुनिया से विदा हो गए थे। लेकिन उन्होंने कहा था कि जब तक संविधान जिंदा रहेगा मैं संविधान के हर पन्नों में जिंदा रहूंगा उन्होंने कहा कि बाबा साहब भले ही हमारे बीच नही हैं। लोकिन उनके विचार हम सबके कल्याण के लिए जीवान्त हैं। बाबा साहब हम सबके लिए आर्दश हैं। बाबा साहब जातिवाद, छुआछूत खत्म करना चाहते थे। वह किसी धर्म के विरोधी नही थे बल्कि उस व्यवस्था के विरोधी थे बाबा साहब के अधूरे सपने को पूरा करना और उनके बताये मार्गो पर चलने से ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसीक्रम में शाहपुर आम्बेडकर पार्क में भी गोष्ठी का आयोजन किया गया लोगो ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शिव कुमार आजाद व अशोक कुमार ने कहा कि इस दौर मे बाबा साहब के सपनों को साकार करना है तो शिक्षा को हथियार बनाकर हर घर मे एक अम्बेडकर पैदा करने की जरूरत है आज के ही दिन बाबा साहब का परिनिर्वाण हुआ था उनकी पुण्यतिथि को संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए उन्होंने कहा कि दलितों को अधिकार व सम्मान दिलाने में डा भीमराव आंबेडकर ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी जिसका परिणाम आज दलित समाज के लोग सम्मान से जी रहे है उन्होंने कहा कि समाज में बराबरी का हक व कुरीतियो को दूर करने में बाबा साहब का अहम योगदान था इस दौरान राम कुमार, राम प्रकाश गौतम, सूर्यबलि, बलराम बौद्ध, राजेन्द्र प्रसाद, रमेश कुमार धुरिया, गंगाराम, अशोक कुमार, सुखपाल गौतम, अभिषेक हिंदुस्तानी,गुड्डन श्रीवास्तव,अंचल अग्रहरी, प्रभात कौशल, संदीप पटेल, राम बक्स गौतम,अभय कुमार आजाद, विजयपाल, केदारनाथ आजाद, संतोष कुमार, करन गौतम, सुखई,दिवाकर गौतम,मनोज सिद्धार्थ,अनिल गौतम,झिनकन,आदि लोग मौजूद रहे