October 2, 2025 14:18:24

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शिक्षा ही लगा सकती है अपराध पर अंकुश -विपिन कुमार कुशवाह

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शिक्षा ही लगा सकती है अपराध पर अंकुश -विपिन कुमार कुशवाह

प्रयागराज – सामान्य अर्थों में कानून का उल्लंघन करना अपराध है अपराध के अंतर्गत सारी गैरकानूनी गतिविधियां सम्मिलित है अपराध ऐसा कार्य है जो देश में कानून के द्वारा निश्चित हो और जिसके लिए दंड निर्धारित हो। किसी भी वर्ग के व्यक्ति के द्वारा किए गए ऐसे कार्य जो सामाजिक नियमों कानूनों का उल्लंघन करते हुए अपराध की श्रेणी में आते हैं। समाज में दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं अपराध बढ़ने का मुख्य कारण हमारी बदलती जीवन शैली, सोशल मीडिया का बढ़ता उपयोग इंटरनेट, मानसिक तनाव, सामाजिक परिस्थितियां आदि है। कई लोग सोशल मीडिया के जरिए लोगों को भड़का कर तो कई लोग इंटरनेट पर वीडियो देखकर ही अपराध करना सीखते हैं। जब किसी बालक या बालिका द्वारा कानून का उल्लंघन या समाज विरोधी कार्य किया जाता है तो उसे बाल अपराध कहा जाता है कानून के दृष्टिकोण से 8 से 16 वर्ष की उम्र के बालकों को बाल अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। बाल अपराध के मुख्य कारणों में परिवारिक कारण, सामाजिक कारण, आर्थिक कारण एवं मनोवैज्ञानिक कारण है। किशोर अपराध वे अपराध होते हैं जिसमें बच्चे किशोरावस्था में यौन व्यवहार बाल दुर्व्यवहार एवं नशीली दवाओं का सेवन करने लगते हैं। प्रमुख कारण परिवार की खराब पालन पोषण एवं शिक्षा व्यवस्था का ना होना माना जाता है। इसके अलावा अक्सर किशोर खराब पारिवारिक परिस्थितियों या पारिवारिक हिंसा के कारण भी अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगते है। बेरोजगारी अपराध बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक है, जितनी तेजी से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है उसी हिसाब से बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं किंतु इतनी संख्या में नौकरियां नहीं उत्पन्न हो रही हैं, युवाओं का बेरोजगारी ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे किसी भी युवा का मनोदशा इतना टूट जाता है कि वह पैसों के लालच में कुछ भी करने को आतुर हो जाता है। कोई रोजगार का साधन ना हो और पेट में अन्न का दाना ना हो, तो मनुष्य पेट के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। बस लोगों की इसी गरीबी और लाचारी का फायदा उठाकर शातिर अपराधी, इनसे हत्या, लूटपाट, साइबर अपराध करवाते हैं। पेट का दर्द व गरीबी मजबूरन इंसान को अपराध की ओर ले जाता है।
“जैसा संगत वैसा ढंग” व्यक्ति जिस संगत में रहता है वैसा बन जाता है। यदि आपके मित्र गलत विचारधारा या अपराधिक प्रवृत्ति में संलग्न है तो उनके साथ रहकर बच्चे भी उनके गलत कार्यों की ओर आकर्षित होने लगेंगे। कई बार व्यक्ति को अंदाजा भी नहीं होता कि वह जो कर रहा है, वह कितना बड़ा जुर्म है और अपराध कर बैठता है। कई युवा तो जवानी के जोश में व्यसन करने लगते हैं, ड्रग्स का सेवन करने लगते हैं, शराब पीने लगते हैं और अपने दोस्तों को भी सिखाते हैं।
आजकल महिलाओं के खिलाफ जिस तरह के दृष्कृत्य अपराध बढ़ रहे हैं, उनके लिए भी कहीं ना कहीं हमारी परवरिश जिम्मेदार हैं। हमारी परवरिश में कई कमियां है, जैसे बेटों को बेटियों में फर्क करना, बेटों की गलतियों पर पर्दा डालना, दरअसल हम बचपन से बेटा-बेटी में फर्क करते आए हैं और यही कारण है कि आगे जाकर लड़के, किसी लड़की की इज्जत नहीं करते चाहे वह उसकी मां, बहन या बेटी ही क्यों ना हो।
अपराध नियंत्रण एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत देश में होने वाली अपराधिक घटनाओं को रोकथाम के लिए विभिन्न प्रकार की नीतियां बनाई जाती है अपराध नियंत्रण सरकार के द्वारा किया जाने वाला एक ऐसा प्रयास है इसमें अपराध को कुछ हद तक कम करने का लक्ष्य बनाया जाता है अपराध नियंत्रण के लिए देश की सरकार कई प्रयास करती है, जैसा कि-
भारत देश में सरकार और विभिन्न संस्थाएं जिसमे उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ भी शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं, जिससे लोगों में शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन को बढ़ाया जा सके। इसके द्वारा समाज में व्यक्तियों की मानसिकता को बदला जा सकता है। सरकार का मानना है कि लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाकर अपराधिक घटनाओं को कम किया जा सकता है। विश्व भर में कई अपराध लोगों की खराब आर्थिक स्थिति के कारण होते हैं। यह एक ऐसा कारक माना जाता है जिसमें व्यक्ति अपने नैतिक मूल्यों का नाश करके अपराध की श्रेणी की ओर बढ़ने लगता है। ऐसे में सरकारें व एनजीओ व्यक्तिगत रूप से लोगों की आर्थिक उन्नति कर अपराधिक घटनाओं को रोकने का प्रयास करती है। अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए भ्रष्टाचार को खत्म करना एक बेहद अहम प्रयास माना जाता है। इसके अंतर्गत भ्रष्टाचार से संबंधित आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सकता है। भ्रष्टाचार के कारण कई लोग अवैध कार्य करने के लिए मजबूर हो जाते है जिसके कारण आपराधिक घटनाओं में वृद्धि होती है। नशा भी एक ऐसा कारक है जो न केवल अपराधिक घटनाओं को बढ़ावा देता है बल्कि इसके कारण देश के युवाओं का भविष्य भी खराब होता है। नशे के कारण कई अपराधिक घटनाओं का जन्म होता है। इसीलिए कुछ राज्यों के सरकारें नशाबंदी को समर्थन देकर शांति व्यवस्था को बनाए रखने का भरपूर प्रयास करते हैं। नशामुक्ति के प्रति उ०प्र० अपराध निरोधक समिति लखनऊ के विभिन्न जनपदों में जिला इकाईयां जागरूकता अभियान चला रही है। कानून व्यवस्था को सख्त करने से देश में हो रही अपराधिक घटनाओं को कम किया जा सकता है। जिससे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में कानून व्यवस्था के प्रति डर की भावना को बढ़ाया जा सकता है। इससे ना केवल अपराधिक घटनाओं को कम किया जा सकता है बल्कि इससे अपराधियों की परिस्थितियों में सुधार भी लाया जा सकता है। उपसंहार में हम यह कह सकते है कि हमें प्रतिदिन अख़बारों में कोई ना कोई खबर पढ़ने को मिल जाती हैं कि किसी क्षेत्र में कुछ लोग सूने घर से जेवर, रकम चुराकर भाग गए, रात के अंधेरे का फायदा उठाकर एटीएम से पैसे चुरा लिए, पति-पत्नी के आपसी झगड़े में पति ने पत्नी की हत्या कर दी, कभी किसी जगह नक्सलवादी, आतंकवादी हमला हुआ, तो कही धर्म के नाम पर हिंसा और हत्याएं, लूटपाट हुई। इन सभी समस्याओं के मूल में एक ही कारण दिखाई देता है. – आंतरिक नैतिकता का ह्रास। आज व्यक्ति के अंदर की इंसानियत खत्म हो चुकी है। हाल में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बलात्कार, अपहरण जैसे अपराधों में विगत वर्षों में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। सर्वाधिक अपराध यूपी, बिहार और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की सर्वाधिक संख्या दिल्ली और मुंबई में दर्ज की गई है । भारत में अपराधों में कमी लाने के लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक रणनीति की आवश्यकता है, ताकि व्यक्तियों का नैतिक विकास हो और अपराधियों को उचित समय में सजा मिलने से अपराध दर में कमी लाई जा सके। अतः शिक्षा ही अपराधो को रोकने में मददगार साबित होगी। अपराधियों को फास्ट ट्रैक अदालतों के माध्यम से त्वरित न्याय उपलब्ध हो तथा लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूकता करके सरकार के साथ-साथ विभिन्न एनजीओ के माध्यम से बढ़ावा दिया जाए जिसमें उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ के द्वारा भी महिला सशक्तिकरण, जेल में बंद अपराधियों की सुधार हेतु प्रयास, रक्तदान, मनोवृत्ति में परिवर्तन करके समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे समिति, सरकार और लोगों के बीच पुल का कार्य कर रही है।

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