औषधीय एवं सुगंध पौधों पर तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
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औषधीय एवं सुगंध पौधों पर तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
भा.वा.अ.शि.प.-पारिस्थितिक पुनस्र्थापन केन्द्र, प्रयागराज तथा सी.एस.आई.आर.-सीमैप, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 23.08.2024 को सी.एस.आई.आर.-एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी सह-परियोजना के अन्तर्गत ”आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सुगंध पौधों” विषय पर एक दिवसीय कौशल-सह-तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र की अनुसंधान पौधशाला, पडिला, प्रयागराज में किया गया। कार्यक्रम मुख्य अतिथि अनिल कुमार शर्मा, असिस्टेंट जनरल मैनेजर, नाबार्ड, प्रयागराज, सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक गण एवं केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ आरम्भ हुआ। केन्द्र प्रमुख डॉ. सिंह ने स्वागत भाषण में आयोजित कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए एरोमा मिशन परियोजना तथा सिडबी सह-परियोजना के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के प्रति जागरूक करना तथा उनकी आय में वृद्धि करना है तथा कौशल विकास के माध्यम से आय में बढ़ोत्तरी के अवसर प्रदान करना है। मुख्य अतिथि अनिल कुमार शर्मा ने उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधों की मूल्य श्रृंखला के हर चरण का समर्थन करने वाला एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना आवश्यक है, जो व्यक्तियों और संस्थाओं की सहभागिता से संभव होगा। केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराते हुए केन्द्र के उद्देश्य एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला।वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीमैप, डॉ. संजय कुमार ने सुगंधित घासों के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए, उन्होंने बताया कि भारतवर्ष में एरोमा मिशन के अंतर्गत 36000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा दिया गया है।इसी क्रम में सीमैप के डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने गुलाब, जिरेनियम तथा कैमोमिल की उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं पर तथा केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने कृषकों की आर्थिक समृद्धि हेतु सदाबहार की खेती विषय पर जानकारी साझा की। सीमैप के राम प्रवेश यादव ने कालमेघ एवं सतावर के उत्पादन की उन्नत कृषि पद्धति के विषय में जानकारी दी। डॉ. अनीता तोमर ने कृषकों की आर्थिक समुद्धि हेतु चन्दन को लगाने तथा उससे होने वाले लाभ पर व्याख्यान दिया। अंतिम सत्र में सीमैप के डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने फूलों से अगरबत्ती बनाने के विषय में जानकारी देते हुए महिला प्रतिभागियों को अगरबत्ती बनाने हेतु प्रशिक्षित किया। उपस्थित प्रतिभागियों को पौधशाला भ्रमण वैज्ञानिक आलोक यादव के द्वारा कराया गया, जिसमें विभिन्न औषधीय पौधों की व्यावहारिक जानकारी दी गई। कार्यक्रम में केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुमुद दूबे, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ. एस. डी. शुक्ला, रतन गुप्ता, तकनीकी सहायक धर्मेन्द्र कुमार के साथ 100 से अधिक कृषक एवं शोध छात्र उपस्थित रहे।