जोखिम वाली गर्भवती माताओं की ट्रेकिंग कर चिकित्सकीय प्रबंधन करें सभी बीएमओ- कलेक्टर।
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जोखिम वाली गर्भवती माताओं की ट्रेकिंग कर चिकित्सकीय प्रबंधन करें सभी बीएमओ- कलेक्टर।
शहडोल मध्य प्रदेश
गर्भवती माताओं के पंजीयन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गर्भवती माताओं का प्रथम त्रैमास में शत-प्रतिशत पंजीयन किया जाए और पोर्टल पर उनकी इंट्री भी की जाए। गर्भवती माताओं का शीघ्र पंजीयन होने पर उनके स्वास्थ्य की जांच व आयरन एवं फोलिक, कैल्सियम की गोलिया नियमानुसार दी जाए और पोर्टल पर दर्ज भी की जाए। गर्भवती माताओं के पंजीयन और पोर्टल पर इंट्री कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सेक्टर मेडिकल आफिसरों अपने सेक्टर में सतत मॉनिटरिंग करें और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कार्याें दक्षतापूर्वक प्रगति सुनिष्चित करें। उक्त निर्देश आज कलेक्टर वंदना वैद्य ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के सोन सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में दिए।
बैठक में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहपारू के कार्याें की प्रशंसा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि अन्य विकासखण्डों के चिकित्सा अधिकारिेयों को अनुषरण करना चाहिए। बैठक में कलेक्टर ने अर्बन पीएससी की कम प्रगति एवं बैठक में अनुपस्थिति होने पर प्रभारी डॉ. सेफाली बारिया को नोटिस देने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि आउटसोर्सिंग से जो कम्प्यूटर ऑपरेटर जो डाटा इंट्री का कार्य कर रहे है उनके कार्याें की समीक्षा की जाए और कम उपलब्धि पर उनको नोटिस भी दिया जाए और उनके निकालने के लिए पत्र भी लिखा जाए।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जोखिम वाली गर्भवती माताओं का रजिस्ट्रेशन एवं उनसे चर्चा तथा उन्हें समय पर चिकित्सकीय उपचार प्रंबधन का निर्वहन करने के लिए हमें समर्पित होकर सेवाभाव से कार्य करना चाहिए। समय पर एम्बुलेंस आदि की सुविधाएं दी जाए जिससे उन्हें अस्पताल में आने जाने में विलंब न हो। बैठक में कलेक्टर ने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देषित किया कि अति एनिमिक गर्भवती माताओं को ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाए जिससे असमय अति एनिमिक गर्भवती माताएं और उनके पेट में पल रहा बच्चा काल के गाल में न समा पाए। बैठक में कहा कि आयुष्मान कार्ड और 12 से 14 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेषन पर प्रभावी कार्ययोजना बनाकर तथा जिला षिक्षा अधिकारी एवं सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रगति सुनिश्चित की जाए।
बैठक में एसएनसीयू एवं पीआईसीयू की समीक्षा की और प्रभारी डॉ. सुनील हथगेल को निर्देश दिए कि एसएनसीयू एवं पीआईसीयू में बच्चों को त्वरित चिकित्सकीय उपचार किया जाए जिससे बच्चों की जान बचाई जा सकें। बैठक में कलेक्टर ने गर्भवती माताओं एवं बच्चों की मृत्यु की सोशल ऑडिट करने के निर्देश देते हुए कहा कि सोशल ऑडिट द्वारा उन कारणों को जाना जा सकता है। जिससे उनकी मृत्यु हुई है और मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रण में सोशल ऑडिट महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। बैठक में कलेक्टर ने अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि सभी समर्पित एवं सेवाभाव से ऐसा प्रयास करे कि जिला प्रदेश में अग्रणी स्थान पर सुशोभित हो सके।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. पाण्डेय, सिविल सर्जन डॉ. जी.एस. परिहार, डीएचओ-1 डॉ. वाई.के.पासवान, डीएचओ-2 डॉ. बी.सी. पाण्डेय, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अंशुमन सोनारे, जिला कुष्ठ रोग नियंत्रण प्रभारी डॉ. ए.के. लाल, डीपीएम मनोज द्विवेदी, डॉ० पुनीत श्रीवास्तव, डीपीएचएन वंदना डोंगरे सहित सभी विकासखण्डों के चिकित्सा अधिकारी, आईईसी कंसटेंट साजिद खान, सेक्टर मेडिकल आफिसर, बीपीएम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रोग्राम अधिकारी एवं जिला समन्वयक चाई, जिला समन्वयक दिव्य ज्योति, जिला समन्वयक पिरामल तथा जिला समन्वयक स्वामी विवेकानंद समिति उपस्थित रहें।