प्रयागराज दो सिर वाले नवजात शिशु का ऑपरेशन कर दिया नया जीवन दान चिकित्सकों ने कहा यह एन्सेफेलोसील बीमारी
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प्रयागराज दो सिर वाले नवजात शिशु का ऑपरेशन कर दिया नया जीवन दान चिकित्सकों ने कहा यह एन्सेफेलोसील बीमारी
Ain भारत न्यूज संवाददाता संजीत कुमार की खास रिपोर्ट प्रयागराज
प्रयागराज मुंडेरा स्थित एक निजी अस्पताल में दो सिर वाले नवजात शिशु का सफल ऑपरेशन करके चिकित्सकों ने उसे नया जीवनदान दिया है करीब साढ़े चार घंटे चले ऑपरेशन में चिकित्सकों ने 21 दिन पहले पैदा हुए नवजात शिशु के एक सिर को अलग करके उसको मौत के मुंह से वापस ले आए वहीं दो दिसंबर को हुए ऑपरेशन के बाद शिशु को 10 दिनों तक आईसीयू में रखा गया जिसके बाद शिशु को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई फिलहाल शिशु अब पूरी तरह से ठीक है चिकित्सकों का कहना है कि यह एन्सेफेलोसील बीमारी है जो कि 10 लाख में से किसी एक बच्चे को होती है इस बीमारी का इलाज समय रहते न किया जाए तो बच्चे का बचना मुश्किल हो जाता है दरअसल फतेहपुर खागा निवासी पवन कुमार केवट की पत्नी का नौ नवंबर 2024 को एक सरकारी अस्पताल में सामान्य प्रसव हुआ था तीन बेटियों के बाद बेटा पैदा होने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन जब परिजनों ने देखा कि बच्चे के सिर के पीछे एक और सिर दिख रहा है तो उनके होश उड़ गए वहीं प्रसव के एक घंटे बाद ही सरकार अस्पताल से बच्चे का इलाज करने से मना कर दियाजिसके बाद परिजन बच्चे को लेकर फतेहपुर शहर के एक निजी अस्पताल गए जहां चार दिन रखने के बाद बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया गया वहीं परिजन बच्चे को लेकर कानपुर के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पूरी रात रखने के बाद चिकित्सकों ने जवाब दे दिया ऐसे में लाचार व मजबूर परिजन 1 दिसंबर को प्रयागराज के मुंडेरा स्थित एक निजी अस्पताल में बच्चे को लेकर पहुंचे जहां 2 दिसंबर को लैप्रोस्कोपिक सर्जन व अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.जेके सिंह न्यूरो सर्जन डॉ.नितेश सिंह ने बच्चे का सफल ऑपरेशन किया जिसके बाद बच्चे को आईसीयू वार्ड में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्कर की निगरानी में रखा गया
क्या है एन्सेफेलोसील बीमारी
एन्सेफेलोसील एक जन्म दोष है जो बच्चे की खोपड़ी के छिद्र के माध्यम से मस्तिष्क के ऊतकों को बढ़ने का कारण बनता है यह स्थिति एक न्यूरल ट्यूब दोष है न्यूरल ट्यूब मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का प्रारंभिक रूप है जब भ्रूण गर्भाशय में विकसित हो रहा होता है यदि गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों के दौरान न्यूरल ट्यूब के शीर्ष को बंद करने में कोई समस्या है तो एन्सेफेलोसील हो सकता है यह स्थिति हल्की से लेकर जानलेवा तक हो सकती है मैंने अपने मेडिकल कैरियर में इस प्रकार का दूसरा ऑपरेशन किया है मात्र 21 दिन के बच्चे का ऑपरेशन होने कारण काफी जटिल हो गया था फिलहाल बच्चे को पांच वर्ष तक फॉलोअप में रखा जाएगा जिसमें यह देखा जाएगा कि उसके दिमाग पर तो काई असर नहीं पड़ा है ऑपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है डॉ.राजीव सिंह लैप्रोस्कोपिक सर्जन व निदेशक नारायण स्वरूप अस्पताल