October 25, 2025 01:59:58

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आज उत्तर प्रदेश से बड़ी व महत्वपूर्ण खबरें एक नजर

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उत्तर प्रदेश से बड़ी व महत्वपूर्ण खबरें

_कानपुर के फिल्ममेकर ने की आत्महत्या; सखी केंद्र की संस्थापक बोलीं- बहू और एक महिला ने किया मजबूर_

कानपुर: शहर समेत आसपास के कई अन्य शहरों में हजारों महिलाओं के हक की सालों से फ्री में लड़ाई लड़ने वाली सखी केंद्र की संस्थापक नीलम चतुर्वेदी की आंखों से आंसुओं का बहना 28 फरवरी की दोपहर डेढ़ बजे से जारी है. खुद को बहुत अधिक मजबूत कर और रुंधते गले के साथ वह कहती हैं, मैंने कभी नहीं सोचा था, मेरा बेटा आत्महत्या कर लेगा. 28 फरवरी को ही उनके बेटे निशांत ने मुंबई में मौत चुन ली थी.
मुंबई से वापस आने के बाद नीलम चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बेटा फिल्ममेकर था. वह अक्सर ही मुंबई आता-जाता रहता था. पिछले आठ माह से उसके तलाक का मुकदमा चल रहा था. बेटे और बहू में बन नहीं रही थी. नीलम चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि बहू और बेहद करीबी एक महिला ने मिलकर ही बेटे को आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर कर दिया.
भगवान ने ये मेरे साथ क्या कर दिया: सखी केंद्र की संस्थापक नीलम चतुर्वेदी कहती हैं कि सालों से मैंने बहुत सी जरूरतमंद महिलाओं के आंसू पोछें. उनकी हरसंभव मदद की. लेकिन भगवान ने ये मेरे साथ क्या कर दिया, मेरा बेटा ही मुझसे छीन लिया. नीलम चतुर्वेदी ने बताया कि मुंबई पुलिस को बेटे के पास से जो सुसाइड नोट मिले, उसके आधार पर जांच करते हुए पुलिस ने फिलहाल बहू अपूर्व के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. नीलम चतुर्वेदी ने कहा, भोपाल निवासी प्रार्थना मिश्रा भी सालों पहले केंद्र में मुझसे मदद मांगने आई थीं. उन्होंने मुझे दीदी कहते हुए अपने विश्वास में रखा. लेकिन दूसरी ओर बेटे को लगातार प्रताड़ित किया और मेरे साथ विश्वासघात कर दिया. नीलम चतुर्वेदी से शहर के कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी है.

फिल्ममेकर को श्रद्धांजिल देने उमड़ा कानपुर: नीलम चतुर्वेदी के बेटे फिल्ममेकर निशांत त्रिपाठी की मौत के बाद शनिवार को नानाराव पार्क में कई वर्गों के लोग एकजुट होकर निशांत को श्रद्धांजलि अर्पित की. महिलाएं अपने हाथों में तख्तियां लेकर नानाराव पार्क पहुंची थी, जिन पर लिखा था कि हत्यारों को फांसी दो. सखी केंद्र की संस्थापक नीलम चतुर्वेदी ने कहा, मैंने तो सोचा था, मेरा बेटा मेरी अस्थियों को एक दिन विसर्जित करेगा. लेकिन हमें ये दिन देखना पड़ रहा है. एक मां होकर मैं अपने बेटे की अस्थियों को विसर्जित करूंगी. यह बात कहते हुए नीलम चतुर्वेदी रो पड़ती हैं. उन्होंने कहा कि कई अधिवक्ताओं ने अपनी ओर से मेरे बेटे की मौत में पूरा साथ निभाने का वादा किया है. अधिवक्ताओं का कहना है, वह आरोपी बहू व उसकी सहयोगी महिला को सजा दिलाकर रहेंगे. कानपुर में जिस-जिसने इस मामले की जानकारी की, वह अपनी ओर से नानाराव पार्क पहुंचा और फिल्ममेकर निशांत के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुआ. कई राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने भी सखी केंद्र की संस्थापक नीलम चतुर्वेदी को सांत्वना दी. बेटी प्राची त्रिपाठी ने भी रुंधते गले से मां को संभाला।

✓ *_बरेली में 4 साल के बच्चे की ट्रैक्टर से कुचलकर मौत; परिवार में मचा कोहराम, चालक गिरफ्तार_*

बरेली/रायबरेली: बरेली के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र में घर के बाहर खेल रहे एक 4 साल के बच्चे की ट्रैक्टर से कुचल कर मौत हो गई. घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया. वहीं, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
बरेली के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर खजुरिया का रहने वाला इशहाक का चार साल का बेटा मुजम्मिल घर के बाहर खेल रहा था, तभी घर के पास से गुजर रही ट्रैक्टर ट्रॉली ने बच्चे को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया.
परिजनों ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ तहरीर दी. बिथरी चैनपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि एक ट्रैक्टर से मासूम की दबकर मौत हो गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर चालक को हिरासत में ले लिया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

रायबरेली में वाहन की टक्कर से छात्र की मौत; यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा देने जाते समय हुआ हादसा: रायबरेली में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा देने जा रहे एक छात्र की सड़क हादसे में मौत हो गई. छात्र अपने दो साथियों संग बाइक से परीक्षा देने जा रहे थे. मामला सलोन कोतवाली क्षेत्र के रघुपुर का है. यहां पूरे पांडेय गांव के रहने वाले तीन छात्र बाइक से परीक्षा देने प्रतापगढ़ जा रहे थे.

रास्ते में अचानक सामने से एक चार पहिया वाहन ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर में एक छात्र की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. मृतक पूरे पाण्डेय गांव के रहने वाले वेद प्रकाश के पुत्र आदित्य पांडेय बताये जा रहे हैं.
थानाध्यक्ष सलोन जेपी सिंह ने बताया कि एक्सीडेंट में एक छात्र की मौत हुई है जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं. पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई के लिए भेज दिया है।

✓ *_गोरखपुर AIIMS में कमीशन का खेल; डॉक्टर्स की लिखी दवाएं ढूंढने से भी नहीं मिलती, चुनिंदा मेडिकल स्टोर छोड़कर_*

गोरखपुरः एम्स गोरखपुर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम है, लेकिन यहां के डॉक्टर्स प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. डॉक्टरों द्वारा मरीज के पर्चे में लिखी ढेर सारी दवाओं को मरीज खरीदने और खाने दोनों में परेशान हो रहे हैं. इनकी लिखी दवा अगर एम्स के दीवार से लगी मेडिकल स्टोर से नहीं ली गई तो फिर उसे कहीं और से खरीदना संभव भी नहीं. डॉक्टर की लिखी दवा एम्स के जेनरिक दवा काउंटर और न शहर के किसी अन्य मेडिकल स्टोर पर मिलती हैं. यह दवायें ट्रेड नेम की हैं, जो महंगी हैं. लोग हैरान और परेशान हैं लेकिन इसका कोई निदान नहीं निकल रहा है.
गेट पर खुली दुकानों पर ही मिलती दवाएंः कुशीनगर के रहने प्रभात राय के दो बच्चे के कान और दांत का इलाज एम्स में चल रहा है. वह पर्चे पर लिखी कुछ दवाओं को खरीदने को लेकर परेशान हो गये. लेकिन वह एम्स के बगल में ही मिली. यह दवाएं जानी मानी ब्रांड की हैं.
उन्होंने कहा कि OPD में काम करने वाले कुछ कर्मी ही मेडिकल स्टोर का नाम बताकर मरीज को दवा खरीदने के लिये वहीं भेज देते हैं. ऐसा ही हाल देवरिया के एक तीमारदार धनंजय का है जो अपने पिता की कुछ दिन की दवा एम्स के बगल से खरीदकर घर लौट गये, क्योंकि पैसे कम पड़ गए थे. फिर पर्चे पर लिखी दवा को वह देवरिया में खरीदना चाहे तो उन्हें नहीं मिली. आखिरकार उन्हें गोरखपुर आकार दवा खरीदना पड़ा. धनंजय का कहना है कि दवा के कारोबारी तो डॉक्टर तक से सेटिंग बना लिए हैं. उनके द्वारा लिखी जाने वाली ट्रेड नेम वाली दवाएं ही वह बेचते हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि एम्स के ज्यादातर डॉक्टरों की लिखी दवाएं शहर में कहीं नहीं मिलेगी. सिर्फ एम्स के गेट नंबर 3 और पहले गेट के सामने की दुकान पर मिलेंगी.
कमीशन के लिए नहीं लिखते जेनरिक औषधि केंद्र की दवाः एम्स में इलाज कराने पहुंचे लोगों का कहना है कि डॉक्टरों की सेटिंग वाली दवाइयां सिर्फ इन्हीं दुकानो पर मिलती हैं. मेडिसिन, हड्डी, गायनी, न्यूरो, चर्म रोग, सर्जरी, ईएनटी की दवाएं इसमें शामिल हैं.ओपीडी में पूरी तरह से मनमानी है. मरीज इस उम्मीद से एम्स में आता है की दवाएं सस्ती लिखी जाती हैं, लेकिन यहां तो प्राइवेट डॉक्टर जैसी पर्ची लिखी जा रही है. एम्स के जिम्मेदारों का ध्यान पता नहीं, क्यों इधर नहीं पड़ रहा है. आसपास के मेडिकल स्टोर संचालक कहते हैं कि ओपीडी में बैठने वाले एक भी डॉक्टर जेनरिक और जन औषधि केंद्र की दवा लिखना नहीं चाहते. क्योंकि इसमें कमीशन के नाम पर इन्हें कुछ भी नहीं मिलेगा. एम्स की मीडिया प्रभारी डॉक्टर साधना सिंह का कहना है कि दवाओं का तो अक्सर साल्ट नाम डॉक्टर को लिखने को कहा जाता है, अगर ट्रेड नेम वाली दवाई लिखी जा रही है तो यह गलत है, देखती हूं ऐसा क्यों हो रहा है।

✓ *_लखनऊ विश्वविद्यालय टॉप पर, देश में 28वां स्थान; एशिया के टॉप-500 यूनिवर्सिटी में शामिल_*

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग में देशभर में 28 वां और प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल कर नया इतिहास कायम किया है. एडुरैंक 2025 रैंकिंग 876 उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच की गई थी, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय ने लखनऊ के 13 विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया. जबकि, प्रदेश में चौथा स्थान मिला है. इसके अलावा विश्वविद्यालय ने एशिया में शीर्ष 500 में स्थान प्राप्त किया है. इसमें इसे 5830 विश्वविद्यालयों में से 462वां स्थान (शीर्ष 10 प्रतिशत में स्थान) मिला है. वहीं, वैश्विक स्तर पर 14131 विश्वविद्यालयों में से 1611वां स्थान (शीर्ष 10 प्रतिशत में स्थान) प्राप्त हुआ है.
एडुरैंक एक स्वतंत्र वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग प्रणाली है. जो संस्थानों का मूल्यांकन शोध कार्य, पूर्व छात्रों के प्रभाव, अकादमिक प्रतिष्ठा और शोध उद्धरणों जैसे व्यापक मापदंडों के आधार पर करता है. लखनऊ विश्वविद्यालय पिछले 100 वर्षों से ज्ञान और नवाचार का केंद्र रहा है. यूनिवर्सिटी ने शोध में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है. शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया है. विश्वविद्यालय ने जीवविज्ञान में 17वां स्थान, कीटविज्ञान में 24वां स्थान और विषविज्ञान में 26वां स्थान प्राप्त किया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि एडुरैंक द्वारा दी गई यह मान्यता हमारे संकाय, विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं की अथक मेहनत का प्रमाण है. लखनऊ विश्वविद्यालय सदैव शैक्षणिक उत्कृष्टता और ज्ञान सृजन के प्रति समर्पित रहा है. हमारा निरंतर ध्यान शोध, नवाचार और वैश्विक सहभागिता पर केंद्रित है, जिसने हमें इस उपलब्धि तक पहुँचाया है. हम आगे भी उच्चतम स्तर पर पहुँचने के लिए प्रयासरत रहेंगे।

✓ *_गजब; हरदोई में प्रिंसिपल के घर लिखी जा रही थीं यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियां, STF ने पकड़े 16 सॉल्वर, 3 टीचर_*

हरदोई: यूपी बोर्ड की परीक्षा में बड़ी कार्रवाई हुई है. हरदोई में हाईस्कूल के पेपर में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है एसटीएफ लखनऊ और कछौना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में दो परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की. जगन्नाथ सिंह इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास से 14 सॉल्वर पकड़े गए.
जय सुभाष महाबली इंटर कॉलेज के बाहर दो महिला सॉल्वर मिलीं. प्रिंसिपल के आवास से 3 टीचरों को भी पकड़ा गया है. ये सभी छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं हल कर रहे थे. पुलिस ने राम मिलन सिंह, मनीष सिंह, शारदा प्रसाद वर्मा, रीति और अंकिता शर्मा समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इन सभी पर यूपी सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधन निवारण अधिनियम-2024 के तहत केस दर्ज किया गया है. जगन्नाथ सिंह इंटर कॉलेज के प्रबंधक अनिल सिंह के मकान से भी बड़ी बरामदगी हुई है. यहां से 19 अंग्रेजी और 1 अर्थशास्त्र की उत्तर पुस्तिका मिली हैं.
इसके अलावा 49 खाली उत्तर पुस्तिकाएं, 65 प्रवेश पत्र, 27 छात्रों की रोल नंबर सूची, 8 मोबाइल फोन और 12 नकल पर्चियां बरामद की गईं. डीआईओएस बाल मुकुंद प्रसाद ने बताया कि दोनों परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापक, बाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट को तत्काल हटा दिया गया है.
परीक्षा की निष्पक्षता के लिए नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. एसटीएफ इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह और एसएचओ विनोद कुमार के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई से परीक्षा केंद्रों पर अफरा-तफरी मच गई।

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