बसपा ने ओबीसी समाज को जोड़ने के लिए छेड़ा विशेष अभियान
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बसपा ने ओबीसी समाज को जोड़ने के लिए छेड़ा विशेष अभियान
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी संगठन को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने के उद्देश्य से ओबीसी समाज को जोड़ने की एक नई मुहिम शुरू की है। इस अभियान के तहत गांव-गांव संपर्क स्थापित कर पार्टी को नए सिरे से मजबूत किया जाएगा।
बसपा संस्थापक कांशीराम की कार्यशैली का अनुसरण करते हुए मायावती ने इस बार अपने परिवार को संगठन से दूर रखते हुए पूरी तरह कैडर आधारित राजनीति को प्राथमिकता दी है। हाल ही में आयोजित ओबीसी समाज की विशेष बैठक में उन्होंने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को ही आमंत्रित किया और उन्हें अहम जिम्मेदारियां सौंपी। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि भविष्य में पार्टी के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ताओं को ही आगे बढ़ाया जाएगा।
लंबे समय बाद शुरू हुआ कोई बड़ा अभियान
गत दो वर्षों में लगातार संगठनात्मक अस्थिरता झेल रही बसपा ने अब एक बड़े स्तर पर अभियान छेड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी के कैडर कैंप आयोजित करने के बावजूद जनाधार घटता जा रहा था। इस नई मुहिम के तहत कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर पार्टी को फिर से संगठित करने का प्रयास करेंगे।
इस अभियान में युवाओं को विशेष तवज्जो दी जाएगी, ताकि पार्टी के भविष्य को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। मायावती ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस अभियान में सक्रिय रूप से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भविष्य में संगठन में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा।
नए सिरे से खड़ा होगा बसपा का जनाधार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा द्वारा ओबीसी समाज को जोड़ने की यह रणनीति पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। हाल के चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी को एक मजबूत आधार की आवश्यकता है। इस अभियान से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा और पार्टी फिर से अपनी जमीनी पकड़ मजबूत कर सकती है।
