नवरात्र ही क्यों मांस और शराब की बिक्री सदैव के लिए काशी अंतरगृही क्षेत्र से हो बाहर
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नवरात्र ही क्यों मांस और शराब की बिक्री सदैव के लिए काशी अंतरगृही क्षेत्र से हो बाहर
– मांग के समर्थन में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री समेत तमाम राजनेता और अधिकारियों समेत आधा दर्जन लोगों को लिखा पत्र
– प्रश्न यह कि काशी धार्मिक नगरी या पर्यटन नगरी
– प्राचीन काशी क्षेत्र में बंद होनी चाहिए मांस की विक्री, शराब की दुकाने हो काशी के बाहर
– शिव की नगरी में धर्म द्वारा प्रतिबंधित अखाद्य वस्तुओं के बिक्री और सेवन क्यों..
– साढ़े हजार साल से लहरा रहे काशी में सनातन के पताका पर ग्रहण
पिछले 4 सालों से काशी को मांस मदिरा मुक्त करने के लिए चल रहा “अभियान पवित्र काशी” की सफलता के लिए आगमन संस्था और ब्रह्म सेना अपनी नई रणनीति पर काम करेगी। जिनको आगामी वर्ष पर्यंत होने वाले कार्यक्रमों में देखा जा सकता है। इस बीच नगर निगम द्वारा नवरात्र में काशी में मांस बिक्री पर रोक लगाने के कदम का स्वागत करते हुए वर्ष पर्यंत मांस बिक्री पर रोक लगाने और जगह-जगह शराब की खुली दुकानों को काशी क्षेत्र से बाहर ले जाने की माँग की।
आगमन संस्था और ब्रह्म सेना द्वारा “अभियान पवित्र काशी” के तहत अब तक मांग के समर्थन में तमाम कार्यक्रमों की श्रृंखला रही है। खास बात यह हैं कि इस मांग के समर्थन में लगभग 2500 काशी के संत महंथ, विद्वतजन, संगीतज्ञ, शिक्षाशास्त्री, गंगा आरती करने वाली समितियां, धार्मिक और सामाजिक संगठन, चारों पीठ के शंकराचार्य, अलग-अलग शहरों के संत और प्रसिद्ध कथावाचक आ चुके हैं।
अभियान के अगले क्रम में अभियान के नेतृत्वकर्ता डॉ संतोष ओझा ने एक बार फिर से देश के सम्मानित प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शहर के मंत्री, विधायक और पदेन पदाधिकारी को पत्र लिखकर काशी क्षेत्र से मांस मदिरा की दुकानों को बाहर करने की मांग को दोहराया।
