आत्मा को परमात्मा रुपी ईंधन ही चला सकता है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजेश तिवारी
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आत्मा को परमात्मा रुपी ईंधन ही चला सकता है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजेश तिवारी
।। आत्मा परमात्मा का ही एक अंशज है।संसार का प्राणी परमात्मा का ही वंशज है ।।
प्रयागराज।आत्मा को परमात्मा रुपी ईंधन ही चला सकता है यह दिव्य वचन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज मेजा प्रयागराज के ग्राम पंचायत बकचून्दा निवासी राजेश तिवारी ने राम कुबेर पब्लिक स्कूल तथा राम कुबेर प्राइवेट आई०टी०आई० शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी हरि शंकर मिश्र से उनके निज राम कुबेर शिक्षण संस्थान मिश्रपुर अयोध्या कोरांव प्रयागराज में कही।खबर का दृष्टिकोणिक कराते चले कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक विशेष कार्य से इधर कि ओर से गुजर रहे थे उसी दरमियान दोनों ही सम्भ्रान्त जनों की आपसी सौहार्दपूर्ण भेंटवार्ता हुई।इस भेंटवार्ता के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार दुर्गा प्रसाद मिश्र रहे।आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आत्मा को परमात्मा रुपी ईंधन ही चला सकता है क्योंकि आत्मा परमात्मा का एक अंश है और परमात्मा हर समय इसकी निगरानी करते हुए आत्मा के कर्मानुसार इसे चलाएमान रखता है।जब आत्मा के पूर्व जन्म एवं वर्तमान जन्म के संस्कार पूर्ण हो जाते हैं तब परमात्मा इस आत्मा को कर्मानुसार अगले जन्म की योनी में जन्मोदय कर देता है और यही सिलसिला आत्मा एवं परमात्मा के बीच निरन्तर चलता रहता है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे कहा कि राम कुबेर शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष श्री मिश्र कोरांव क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास हेतु जन जन में शिक्षा की क्रान्ति का अलख जगाए हुए हैं जिससे कोरांव क्षेत्र के विद्यार्थियों में शिक्षा की अनूठी पहल का मुकाम देकर शिक्षित बनाकर देश की सेवा में अग्रसरित करते हुए समूचे कोरांव क्षेत्र को शिक्षा जगत में एक अनूठी पहचान प्रदान की है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी आगे यह भी कहा कि मानव का जन्म मनुष्य को बड़े ही भाग्य से प्राप्त होता है और इस जन्म का मूल अर्थ सत्य एवं न्याय को अपने आत्मा में परिलक्षित करते हुए दया,प्रेम,परोपकार एवं सहानुभूति के गुणों को अपने हृदय में अभिसिंचित करना है और ऐसा करने से मानव जन्म का पाना परिपूर्ण हो जाता है अन्यथा इस आत्मा को जन्म मृत्यु के भव बन्धन में बंधकर चौरासी लाख योनियों में बार बार जन्म मृत्यु के भव बन्धन में बंधा रहना पड़ता है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि आत्मा परमात्मा का ही एक अंशज है,संसार का प्राणी परमात्मा का ही वंशज है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज द्वारा आत्मा एवं परमात्मा के बीच के अन्तर भेद एवं गुणधर्मों का विश्लेषण बहुत ही सुन्दर एवं अकाट्य सत्यमयता की वाणी में वर्णित किया गया है।वास्तव में आत्मा परमात्मा का ही एक अंश है।इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं०शेषमणि शुक्ला,राम कुबेर शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी पं०हरि शंकर मिश्र,वरिष्ठ समाजसेवी पं०कन्हैया लाल मिश्र,वरिष्ठ समाजसेवी एवं संघ जिला संयोजक कुटुम्ब प्रबोधन यमुनापार प्रयागराज पं० धीरेन्द्र पाण्डेय,वरिष्ठ समाजसेवी एवं शिक्षाविद पं०पारस नाथ पाठक,वरिष्ठ पत्रकार दुर्गा प्रसाद मिश्र,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय एवं शिक्षाविद जोखू लाल पटेल सहित आस पास बहुत से गणमान्य जन उपस्थित रहे।
Ain भारत न्यूज़ संवाददाता गजेन्द्र पांडेय कौंधियारा प्रयागराज