रेप मामले में 14 महीने बाद कोर्ट के आदेश पर थाने में हुआ एफ आई आर दर्ज किंतु 2 महीने बीत जाने के बाद भी बलात्कारियों का नहीं हुआ गिरफ्तारी।
1 min readरेप मामले में 14 महीने बाद कोर्ट के आदेश पर थाने में हुआ एफ आई आर दर्ज किंतु 2 महीने बीत जाने के बाद भी बलात्कारियों का नहीं हुआ गिरफ्तारी।
AIN भारत न्यूज़ थाना रिपोर्टर निचलौल घनश्याम कुशवाहा की खास रिपोर्ट
महाराजगंज जनपद के कोठी भार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा चैनपुर में ( काल्पनिक नाम ) उमा उम्र 25 वर्ष पुत्री( काल्पनिक नाम) शंकर सा कीन मौजा चैनपुर थाना कोठी भार जिला महाराजगंज की निवासी है
काल्पनिक नाम उमा खटीक जाति जाती की लड़की है जो 20 मार्च 2021 को शाम 7:00 बजे करीब गांव के बाहर कब्रिस्तान के बगल में स्थित अपने खेत में काम करके वापस घर आ रही थी सड़क के बगल में स्थित बगीचे के पास गांव के ही रहने वाले विपुल पुत्र दिनेश, मनीष पुत्र मदन, बहादुर पुत्र डीविल, दिलीप पुत्र राधे तथा दिलीप पुत्र मदन ने पीड़िता का मुंह दबाकर जबरिया बगीचे में खींच कर ले गए
और पीड़ित के साथ बारी-बारी सभी ने बलात्कार किया और बलात्कार करने केबाद पीड़िता को धमकी दिए की अगर घर जाकर किसी से कहोगीतो तुम्हे और तुम्हारे परिवार को जान से मार देंगे इन दरिंदों के चंगुल से जब जान छुड़ा कर घर पीड़ाता ज़ब घर पहुंच कर आप बीती घटना अपने माता पिता को बताई जिसके तुरंत बाद पीड़िता को लेकर उसके माता-पिता थाने जा रहे थे रास्ते में उक्त दबंग लोगों ने रोककर कहा कि अगर थाने में एफ आई आर दर्ज कराओगे तो तुम्हें जान से मार देंगे किंतु किसी तरह बचकर पीड़िता ने थाने में थानाध्यक्ष को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन थाना अध्यक्ष कोठीभार ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं किया
और थाने से डांट कर भगा दिया जिसके बाद पीड़िता पुलिस अधीक्षक महाराजगंज को भी प्रार्थना पत्र दिया लेकिन पुलिस अधीक्षक द्वारा भी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करवाया गया क्योंकि उक्त लोग दबंग किस्म के है इस क्रम में पीड़िता 14 महीनों तक दर-दर भटकती रही अंत में जाकर पीड़िता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां से एफ आई आर दर्ज करने का आदेश कोर्ट द्वारा दिया गया कोर्ट के आदेश के बाद बलात्कारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट तो दर्ज कर ली गई लेकिन 2 महीना बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई
प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत भा, द, सं 1860 के तहत 376डी,, 554, 506 आईपीसी 3(1)घ S T /S T ACT के अंतर्गत धारा 156 (3)एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशनसता 3(2)(v) निवारण अधिनियम 1989 संशोधन 2015 के तहत मुकदमा पंजीकृत करके विवेचना क्षेत्राधिकारी निचलौल सुनील दत्त दुबे को सौपी गई परंतु 2 माह बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई और बलत्कारियों द्वारा पीड़िता को बार-बार धमकी दिया जा रहा है कि सुलह कर दो वरना जान से मार देंगे ऐसी स्थिति में पीड़ाता ने न्याय पाने की आस लगाकर मीडिया के समक्ष अपनी आपबीती सारी घटना बताई ऐसी स्थिति में जांच कराकर उक्त बलात्कारी एवं दबंग व्यक्तियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई कराना न्यायोचित एवं न्याय संगत कार्य होगा अब देखना यह है कि पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं