October 1, 2025 19:07:09

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विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की शहादत को भूले जनप्रतिनिधि,बेटे को याद कर मां के आंखों से छलके आंसू।

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विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की शहादत को भूले जनप्रतिनिधि,बेटे को याद कर मां के आंखों से छलके आंसू।

आगरा।विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान 1 साल पहले 8 दिसंबर 2021 में तमिलनाडु के कुन्नूर क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे।इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी और 11 अन्य लोग शहीद हुए थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना के एक-दो दिन बाद पृथ्वी सिंह चौहान के घर पहुंचकर संवेदना जताते हुए परिवार की आर्थिक मदद भी की थी।

शहीद के नाम पर की गईं घोषणाओं में से कई अधूरी

पृथ्वी सिंह चौहान के परिजनों का आरोप है कि 1 साल पहले जनप्रतिनिधियों द्वारा कई घोषणाएं की गई थी,लेकिन उन घोषणाओं में अधिकतर पूरी नहीं हुई हैं।उनके बेटे की शहादत के नाम पर सिर्फ उनकी कॉलोनी सरन नगर का नाम बदलकर विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान नगर कर दिया गया है और आगरा के महापौर द्वारा नाम पट्टीका लगा दी गई है। शहीद पृथ्वी सिंह की मां अपने बेटे को याद कर भावुक हो जाती है और रोने लगती हैं।

हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 लोग मौजूद थे

बता दें कि एक साल पहले आठ दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर इलाके में सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 लोग मौजूद थे।इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी के साथ मौजूद अन्य 12 लोग शहीद हो गए थे।विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान हादसे के समय हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, वह भी इस हादसे में शहीद हो गए।

सरकार ने दिया था मदद का आश्वासन

शहीद पृथ्वी सिंह चौहान का पार्थिव शरीर शनिवार 11 दिसंबर को आगरा उनके आवास पर लाया गया।घर से अंतिम यात्रा निकाली गई।शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग और तमाम जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।सभी ने उस समय परिवार को सांत्वना दी और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

पृथ्वी सिंह चौहान की शहादत को हुआ 1 साल

आज पृथ्वी सिंह चौहान की शहादत को 1 साल बीत चुका है। बेटे को याद करते करते उनकी मां अचानक से रो पड़ती हैं। पृथ्वी की मां कहती है कि जब भी दरवाजे पर कोई आहट होती है तो मुझे लगता है कि मेरा बेटा आ गया,लेकिन अगले पल याद आता है कि उनका बेटा अब उनसे बहुत दूर चला गया।जहां से कोई लौटकर नहीं आता। उनकी आंखों से आंसू छलकने लगते हैं।

जनप्रतिनिधि और प्रशासन भूला शहादत

पृथ्वी की मां अपना दर्द बयां करते हुए कहती हैं कि जिस दिन मेरा बेटा शहीद हुआ था।उस दिन बहुत से लोग यहां आए थे। क्षेत्रीय विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने श्मशान घाट पर अंत्येष्टि के दौरान वादा किया था कि उनके बेटे के नाम पर इस स्थल का नाम रखा जाएगा। भगवान टॉकीज चौराहे को भी उनके बेटे के नाम पर किया जाएगा और यहां एक स्मारक द्वार भी बनाया जाएगा।पृथ्वी की मां का कहना है कि अभी तक विधायक द्वारा किया गया कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ।साल भर बीत चुका है,लेकिन कोई जनप्रतिनिधि अंत्येष्टि के बाद से यहां बात करने भी नहीं आया। आगरा के जनप्रतिनिधियों ने और प्रशासन ने उनके बेटे की शहादत को भुला दिया है।

सीएम योगी ने की थी आर्थिक मदद

पृथ्वी की मां का कहना है कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके घर पर आए थे और आर्थिक मदद भी की थी।आगरा के महापौर द्वारा भी घोषणा की गई थी कि उनकी कॉलोनी सरन नगर का नाम विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के नाम पर किया जाएगा।जिसके तहत कॉलोनी का नाम बदल दिया गया और कॉलोनी के मुख्य दरवाजे पर उनके बेटे के नाम की पट्टिका भी लगाई गई है।

संजीत कुमार संवादाता AiN भारत न्यूज की खास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज

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