बुवाई के वक्त नहरें सूखीं और समितियों में डीएपी गायब।
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बुवाई के वक्त नहरें सूखीं और समितियों में डीएपी गायब।
बारा।गेहूँ की बुवाई का सीजन चल रहा है लेकिन क्षेत्र की नहरों में पानी नहीं है। इसके अलावा कुछ समितियों को छोड़कर अन्य समितियों में डीएपी भी नदारद है, वहीं किसानों को समय पर सस्ती दरों पर खाद,बीज आदि उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र में 15 समितियां खोली गई हैं। जसरा में घूरपुर, चिल्ला, जारी, बारा, जसरा, लोटाढ़, शंकरगढ़ में अतरसुइया, बड़गडी, सुरबल साहनी,शंकरगढ़, अकौरिया, शिवराजपुर, गोइसरा, नौढिया उपरहार में डेढ़ महीने से डीएपी नहीं थी।दो दिन पहले क्षेत्र की सात समितियों जसरा, घूरपुर, सुरबल साहनी,शंकरगढ़, भारतनगर, बड़गडी और शिवराजपुर में डीएपी खाद पहुंचने से किसानों को कुछ राहत मिली है। क्षेत्र में लगभग 24 हेक्टेयर भूमि पर गेहूँ की बुवाई की जाती है।समितियों से 52554 किसान जुड़े हुए हैं।गेहूँ की बुवाई के लिए लगभग दो हजार मीट्रिक टन डीएपी की खपत होती है।किसानों की माँग के मुताबिक अभी क्षेत्र में लगभग 1500 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है।पिपरांव के ओमप्रकाश, रेही के विजयप्रकाश, चामू के पुष्पराज, सेहुंडा के प्रांजल त्रिपाठी और शानू दीदी ने बताया कि समय पर नहरों में पानी और समितियों में खाद नहीं मिल पाती है।एडीओ कोऑपरेटिव राकेश सिंह ने बताया कि सात समितियों पर डीएपी पहुँची है, जल्द ही सभी समितियों तक खाद पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
इस आश्वासन से कुछ राहत मिलती दिखाई दे रही है लेकिन बारा तहसील क्षेत्र का अधिकांश भू-भाग पठारी होने के कारण खेतों की सिंचाई का मुख्य स्रोत नहर ही है।गेहूँ की बुवाई के सीजन में डेढ़ महीने से अधिक समय से नहर बन्द चल रही है।विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नहरों की सफाई के लिए पानी की आपूर्ति बन्द की गई थी, अब सफाई का काम पूरा हो गया है, जल्द ही पानी छोड़ा जाएगा।
संजीत कुमार संवादाता AiN भारत न्यूज की खास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज