धान के पैसे नहीं मिले,स्कूल प्रबंधन ने स्कूल से निकाला, छात्र भी अनशन में शामिल।
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धान के पैसे नहीं मिले,स्कूल प्रबंधन ने स्कूल से निकाला, छात्र भी अनशन में शामिल।
संजीत कुमार संवाददाता AiN भारत न्यूज की खास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज
जनपद प्रयागराज बारा।सरकारी धान क्रय-केन्द्रों पर धान बेचने के लिए पहुँचे किसानों का धान की न तो तौल की जा रही है और न ही उनका अँगूठा लगवाया जा रहा है। यमुनानगर के बारा, करछना, शंकरगढ़, मेजा, लालापुर, घूरपुर आदि क्षेत्रों के किसान अपनी उपज से ही शादी-ब्याह,स्कूली बच्चों की फीस,दवाई,कपड़ों आदि का प्रबंध करते हैं। लगभग महीने भर से किसानों का धान तैयार है। कुछ किसानों ने धान को ट्रकों, ट्रैक्टरों व मैजिक वाहन में लादकर एक सप्ताह से क्रय-केन्द्रों पर रात-दिन खड़े हुए हैं।वहीं भोजन भी कर रहे हैं लेकिन सम्बंधित क्रय-केंद्रों के अधिकारियों की धन कमाऊ नीति के कारण अब तक किसानों का धान नहीं खरीदा गया है।मजबूर किसानों ने अपने-अपने ट्रैक्टरों को लेकर जिला मुख्यालय पर जाने लगे। रास्ते में करछना थाना क्षेत्र के घटवा के पास पुलिस बल की मदद से अधिकारियों ने किसानों के ट्रैक्टरों को एक बगीचे में रोकवा दिया।किसान दो दिनों से वहाँ ठहरे हुए हैं।किसानों के साथ एक दस साल का बालक भी आंदोलन में दिखाई देने पर जब उससे यहाँ रुकने का कारण पूछा गया तो बच्चे ने बताया कि मेरी फीस जमा नहीं है, पापा ने धान बेचकर फीस जमा करने को कहा था, उसका पेपर जनवरी से शुरू होगा,फीस जमा न होने की वजह से प्रबंधन समिति ने उसे कक्षा में प्रवेश करने से मना कर दिया है। परिणामस्वरूप वह बच्चा भी किसान आंदोलन में शामिल होकर जिले के अधिकारियों से मिलकर अपनी व्यथा बताने के लिए उत्सुक है। प्रयाग प्रभात हिंदी दैनिक की टीम से किसानों ने बताया कि दो दिन बिताने के बाद भी सम्बंधित अधिकारियों द्वारा कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।जितनी समस्या भाजपा सरकार के अधिकारियों की वजह से किसानों को पैदा हो रही है, इतनी अव्यवस्था दूसरी सरकारों में नहीं थी।अब तो सारे अधिकारी बेलगाम हो गए हैं और अपनी मनमर्जी करने को सदैव तत्पर रहते हैं।अगर यही हाल रहा तो आने वाले चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।