उपजिलाधिकारी हर्रैया की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालो पर अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही

उपजिलाधिकारी हर्रैया की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालो पर अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही
हर्रैया स्थित संग्रामपुर ग्रामसभा के सहरायें गांव मे सरकारी भूमि पर कब्जा कर मकान बनाने व जोतने वालो पर उपजिलाधिकारी हर्रैया के निर्देश पर 3/4 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत हर्रैया थान्हे में मुकदमा दर्ज ऐसे लोग घोषित होंगे भूमाफिया जल्द ही मकान व फसल ध्वस्त कर जमीन पर स्थापित होगा सार्वजनिक उपक्रम में उक्त जानकारी देते हुए उपजिलाधिकारी हर्रैया गुलाब चंद्र ने बताया कि बीस बीघा बेसकीमती जमीन समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी के अथक प्रयास से ग्रामसभा के पक्ष में आयी है उक्त जमीन पर लगातार 1965से लगातार मुकदमा चल रहा था सहरायें गांव निवासी लावारिस मृतक ईश्वरी पाण्डेय जिनका कोई वैध वारिस नहीं था उनके मृत्यु के उपरांत जमीन के दर्जनों दावेदारों को चकबंदी अधिकारी, तहसीलदार,सीओ,सीआरओ ने दरकिनार करते हुए जमीन को ग्रामसभा के पक्ष में दर्ज करने का आदेश दिया था किन्तु भूमाफियाओं ने तत्कालीन ग्रामप्रधान रामसरन यादव को अपने पक्ष में करते हुए रामप्यारे मिश्र को मृतक का भांजा साबित कर 1986में एसओसी बस्ती के यहां से फैसला रामप्यारे के पक्ष में करा लिया था जिसके विरुद्ध समाजसेवी के बाबा ने डीडीसी बस्ती के यहां वाद दाखिल कर रामप्यारे के फर्जी साक्ष्यों का खुलासा किया जिसपर सुनवाई पूर्ण कर 1993में फैसला देते हुए डीडीसी वीके त्रिपाठी ने लिखा कि सरकारी सजरे के अनुसार मृतक ईश्वरी पाण्डेय की कोई बहन नहीं थी जबकि सरकारी सजरे के अनुसार रामप्यारे का ननिहाल फैजाबाद के ओन्दहा गांव में है ऐसे में राम प्यारे का भांजा होना सही नहीं है जबकि ग्रामप्रधान ग्रामसभा का रक्षक होता है न कि भक्षक अतः जमीन ग्रामसभा के पक्ष में दर्ज हो उक्त आदेश को हाईकोर्ट में चैलेंज कर रामप्यारे ने स्थगन आदेश लेकर मुकदमा दौरान जमीन बेचना शुरू किया तो समाजसेवी ने न केवल स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से शिकायत किया अपितु कानूनी प्रकृया के तहत अपने अधिवक्ता के माध्यम से सिद्ध किया कि उक्त जमीन लावारिस ईश्वरी पाण्डेय की थी जिनका कोई वैध वारिस नहीं था उनका सेवा संस्कार मेरे परिवार ने किया था किन्तु यदि उक्त जमीन कानूनन सेवादार को नहीं मिल सकता तो उसे जनहित में ग्रामसभा के पक्ष में किया जाना न्यायोचित है फलत:2019में ही उक्त जमीन को हाईकोर्ट के निर्देश पर ग्रामसभा के पक्ष में दर्ज कर दिया गया है किन्तु बार बार निर्देश के उपरांत भी भूमाफियाओं ने आज तक कब्जा नहीं हटाया जिसे शीघ्र जेसीबी लगाकर समाप्त कराया जायेगा