बिहार में हिंदुओं के अनेक पर्वों पर अवकाश बंद , लेकिन मुस्लिम पर्वों पर सरकारी अवकाश की अवधि बढ़ी
बिहार में हिंदुओं के अनेक पर्वों पर अवकाश बंद , लेकिन मुस्लिम पर्वों पर सरकारी अवकाश की अवधि बढ़ी।
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की इस पहल का कांग्रेस का भी समर्थन।
इसे कहते हैं वोट की ताकत।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले आरजेडी का शासन है। इस गठबंधन की सरकार को कांग्रेस का भी समर्थन है। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की पहल पर बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि शिक्षा विभाग में वर्ष 2024 के लिए हिन्दू पर्व जन्माष्टमी, शिवरात्रि, रक्षाबंधन, रामनवमी आदि के साथ साथ 2 अक्टूबर गांधी जयंती का अवकाश भी नहीं होगा। लेकिन वहीं मुस्लिम पर्व बकरीद पर दो की जगह तीन दिन और मोहर्रम पर एक की जगह दो दिन का सरकारी अवकाश रहेगा। बिहार सरकार ने यह निर्णय किस आधार पर किया है, यह तो सरकार में बैठे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ही बता सकते हैं, लेकिन इस निर्णय के पीछे वोट की भी ताकत है। देश के तीस प्रतिशत से भी ज्यादा मतदाता अपने वोट का महत्व नहीं समझते हैं। ऐसे लोगों को अब बिहार सरकार के ताजा निर्णय से सबक लेना चाहिए। बिहार में किस मानसिकता के साथ निर्णय हो रहे हैं, इसका अंदाजा त्योहारों के सरकारी अवकाश से लगाया जा सकता है। नीतीश कुमार कायस्थ समाज से संबंध रखते हैं, जबकि लालू प्रसाद यादव समाज से संबंध रखते हैं। लेकिन इसके बाद भी बिहार में जन्माष्टमी, रक्षा बंधन, शिवरात्रि, रामनवमी आदि पर्वों पर घोषित अवकाश को बंद कर दिया गया। जाहिर है कि सरकार में ऐसी मानसिकता के लोग बैठ गए हैं जिनके सामने हिंदुओं के पर्वों का कोई महत्व नहीं है। धार्मिक भावनाओं से जुड़े पर्वों के अवकाश पर ही निर्णय नहीं हुआ, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को घोषित अवकाश को भी खत्म कर दिया गया है। 2 अक्टूबर का अवकाश खत्म करने का निर्णय यदि किसी राज्य की भाजपा सरकार ले लेती तो कांग्रेस सबसे पहले भाजपा को गांधी विरोधी बताती है, लेकिन बिहार के इस निर्णय पर कांग्रेस के नेता खामोश है। कांग्रेस के किसी भी नेता ने हिंदुओं के पर्वों के अवकाश खत्म करने की आलोचना नहीं की। सवाल मुस्लिम पर्वों के अवकाशों की अवधि को बढ़ाने का नहीं है। अहम सवाल ङ्क्षहदुओं के पर्वों के अवकाशों को खत्म करने का है। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को पता है कि चुनाव में वोट किस प्रकार प्राप्त होते हैं। हिंदुओं के वोट तो जाति के आधार पर मिल जाते हैं, जबकि मुसलमानों के वोट हासिल करने के लिए खास तरीके अपनाए जाने है। भाजपा के कुछ नेताओं ने कहा कि बिहार अब इस्लामिक स्टेट की ओर बढ़ रहा है। भाजपा के इस कथन में कितनी सच्चाई यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन यह हकीकत है कि भारत में तालिबान, हमास, आईएसआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों के हमदर्द भी है। हाल ही में केरल में हमास के समर्थन में एक बड़ी रैली भी हुई है। बिहार में भी कई क्षेत्रों के तार कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों से जुड़े हैं।
