भैसौली अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की दशा रामभरोसे* 👉प्रायः नदारद रहते है स्वास्थ्य केंद्र भैसौली के प्रभारी हिमांशू गुप्ता* 👉महीने में पांच या छः बार आते है स्वास्थ्य केंद्र भैसौली हिमांशू गुप्ता*

👉भैसौली अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की दशा रामभरोसे*
👉प्रायः नदारद रहते है स्वास्थ्य केंद्र भैसौली के प्रभारी हिमांशू गुप्ता*
👉महीने में पांच या छः बार आते है स्वास्थ्य केंद्र भैसौली हिमांशू गुप्ता*
*बकेवर( फतेहपुर )– उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के लिए प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का बजट पास करती है ताकि किसी अस्पताल में सुविधाओ का आभाव न रहे। लेकिन होता क्या है उच्चस्तरीय मखमली कुर्सियों में बैठने वाले अधिकारियों को कोई फर्क नही पड़ता है। क्यों की उस मखमली कुर्सी के मद में इतने मदांग रहते है की अच्छे से अच्छे सिस्टम को वो एक फोन से मैनेज कर देते है। हा भाई कर भी क्यों न दे क्यों की उस मखमली कुर्सी की पॉवर इतनी होती है। लेकिन अगर शीर्ष कुर्सियों में बैठने वाले अधिकारी अगर थोड़ा सा भी ध्यान देदे तो काफी हद तक स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हुआ एक मामला प्रकाश में आया है। यह मामला बकेवर थाना क्षेत्र के देवमई विकाश खंड अंतर्गत भैसौली में स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का है। कई दिनों से स्थाई नागरिक ये शिकायत कर रहे थे की भैसौली में स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी हिमांशू गुप्ता कभी स्वास्थ्य केंद्र नही आते। जिस से मरीजों का बेहतर इलाज नही हो पाता है और काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आम जनमानस के द्वारा की गई शिकायतों की सच्चाई जानने जब मीडिया टीम अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भैसौली पहुंची तो जनता के द्वारा की शिकायते बिल्कुल सच पाई गई। अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भैसौली के प्रभारी हिमांशू गुप्ता और चिकित्सा अधीक्षक धर्मेंद्र सचान दोनो लोग स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित नही थे। स्वास्थ्य केंद्र में केवल दो लोग उपस्थित थे फार्मासिस्ट राजेश और वार्डबॉय राजनारायण बस इन्ही दो लोगो के सहारे चल रहा था अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र जब मीडिया टीम जानकारी एकत्रित करने लगी तो एक से बढ़ कर एक मामले सामने आए फार्मासिस्ट राजेश के साथ जब मीडिया टीम ने स्वास्थ्य केंद्र के अंदर पानी और शौचालय की सुविधाओ को देखा तो पता चला की स्वास्थ्य केंद्र में पानी कई वर्षो से नही आरहा है पानी की टोटी जाम पड़ी है। और शौचालय में कई वर्षो से झाड़ू ही नही लगी है मकड़ियों ने अपना जाल बना रखा है। आश्चर्य होता है इस बात पे की जिस स्वास्थ्य केंद्र में जनता अपना इलाज करवाने जाती है वही पे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। तो लोगो के उत्तम स्वास्थ्य की कामना कैसे की जा सकती है। जब मीडिया टीम ने सीएचसी केंद्र देवमई प्रभारी जयप्रकाश वर्मा से बात की गई की अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भैसौली के प्रभारी हिमांशू गुप्ता और चिकित्सा अधीक्षक धर्मेंद्र सचान मौके पर नही है तो जयप्रकाश वर्मा ने बताया की धर्मेंद्र सचान ने एक दिन का लिखित अवकाश लिया है। लेकिन प्रभारी डाक्टर हिमांशू गुप्ता को तो जरूर होना चाहिए उनका तो कोई अवकाश नही है। आखिर हिमांशू गुप्ता आज क्यों नही आए इसकी हमे जानकारी नही है। मौके से ही हिमांशू गुप्ता को फोन किया जाता है लेकिन हिमांशू गुप्ता ने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा। और लगभग दो घंटे बाद हिमांशू गुप्ता का फोन आता है तो वो बताते है की आज हमारी मीटिंग थी इस वजह से मैं अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भैसौली नही आ पाया।*
👉आखिर कब होगी ऐसे लापरवाह डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही
जिस डाक्टर को भगवान का रूप माना जाता है जिस के कंधो में मरीजों को बचाने की जिम्मेदारी होती है। वो डाक्टर इतना लापरवाह कैसे हो सकता है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भैसौली के प्रभारी हिमांशू गुप्ता महीने में केवल पांच या छः बार स्वास्थ्य केंद्र आते है। तो क्या ये कहना सही होगा की गुलाबी नोटो की चमक के आगे सारे कायदे कानून दम तोड रहे है। अगर इस लापरवाह डाक्टर के प्रकरण को जिले के शीर्ष सिंहासन पर विराजमान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संज्ञान लेते है तो ऐसे लापरवाह डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही होना तय है। लेकिन विश्वशनीय सूत्र यह भी बताते है की डाक्टर हिमांशू गुप्ता की भारती जनता पार्टी के एक मंत्री से बहुत जमती है। इस प्रकरण को उच्चाधिकारी संज्ञान लेकर संवैधानिक कार्यवाही करते है या ठंडे बस्ते में डाल देते है भगवान मालिक है।