डॉक्टर भास्कर ने हाइफोथार्मिया बीमारी के बचाव के लिए बताए उपाय।
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डॉक्टर भास्कर ने हाइफोथार्मिया बीमारी के बचाव के लिए बताए उपाय।
रिपोर्ट सूरज श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ सिद्धार्थनगर
तापमान में ज्यादा कमी आने पर यह बीमारी हो सकता है खतरनाक
सिद्धार्थनगर जिले के पूरे विश्व में प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा ने हाइफोथार्मिया बीमारी के बारे जानकारी देते हुए बताया की हमारे शरीर को 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस (97.7 से 98.6 डिग्री फ़ारेनहाइट) के मुख्य तापमान की आवश्यकता होती है हालाँकि यह उस तापमान को बनाए रखने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करता है, शरीर केवल इतना ही कर सकता है l ठंड या अत्यधिक गर्म तापमान के कारण हर साल पाँच मिलियन से अधिक लोग मर जाते हैं और उन्होंने कहा कि जब हमारे शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है। तो हमारा दिमाग ठीक से काम करना बंद कर देते है जिससे तापमान कंट्रोल नहीं हो पाता है। इसी स्थिति को हाइफोथार्मिया कहा जाता है। डॉक्टर भास्कर ने कहा कि इनके होने का कारण शराब व नशीले पदार्थों के सेवन,कुछ दवाओं के इस्तेमाल,हाइपोथायरायडिज्म, डायबिटिज, डिहाईड्रेशन, गठिया, पार्किंसंस जैसी बीमारियों के कारण भी हाइपोथर्मिया हो सकता है।
डॉक्टर शर्मा ने लक्षणों का खुलासा करते हुए कहा कि हाइपोथर्मिया में अक्सर सर्दी-जुकाम हो जाना,
नाक से पानी आने लगना,आखों से पानी आना,गले में खराश के साथ हल्का गला दर्द होना,सांस लेने की गति को बढ़ा देना आंखो में भारीपन, जलन,शरीर में दर्द,जकड़न,सांस लेते समय आवाज आना,सर्दियों में एसिडिटी को हल्के में न लें, हार्ट अटैक का हो सकता है खतरा,बच्चों की स्किन लाल और ठंडी पड़ जाना,मेमोरी लॉस होना आदि लक्षण देखने को मिलते है डॉक्टर भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि बचाव के लिए सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को केयर करने की जरुरत है। घर के टेंपरेचर में थोड़ा ध्यान दें। इसके साथ ही बाहर निकलने से पहले खुद को ठीक ढंग से ढक लें। जिससे कि कही से भी शरीर में हवा न लगे। शरीर को ठंडा होने से बचाएं और गर्म रखें। ठंड में व्यायाम करने से बचें।पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें और ठंड में रहने से बचें। टोपी, स्कार्फ, मोजे जरूर पहनें।खाना गरम खाएं और पानी भी गरम पिएं गीले कपड़े बिल्कुल भी न पहनें।ठंड ज्यादा लगने पर तुरंत शरीर को गर्म करें। हल्का हाइपोथर्मिया होने पर गर्म कंबल, हीटर, गर्म पानी के बैग का इस्तेमाल शरीर को गर्म करने के लिए करें अधिक पसीना बहाने वाली गतिविधि से बचें।जाड़ों में कई बार प्यास नहीं लगती लेकिन शरीर में पानी की कमी रहती है। इसलिए नियमित तौर पर गुनगुना या गर्म पानी पीते रहें अगर आपको लगे कि आप इस रोग से ग्रसित है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें