सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ की आड़ में पीआईबी का नियंत्रण लोकतंत्र के लिए घातक
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सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ की आड़ में पीआईबी का नियंत्रण लोकतंत्र के लिए घातक
संज्ञान में आया है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ रोकने के लिए एक ड्राफ्ट तैयार कराया है जिसके अनुसार कोई भी न्यूज़ वीडियो पीआईबी यानी पत्र सूचना ब्यूरो को फेंक या ओके करने का अधिकार दिया गया है यदि उक्त ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई तो मीडिया या सोशल मीडिया सरकार के नियंत्रण में आ जाएगी जो लोकतंत्र एवं स्वतंत्र मीडिया के लिए घातक सिद्ध हो सकता है अभी तक की परंपरा के अनुसार फेक यानी झूठ न्यूज़ पर मीडिया संस्थान द्वारा माफी मांगने या प्रभावित पक्ष द्वारा उनके विरुद्ध मानहानि का दावा करने का प्रावधान है एक बार ऐसा ही ड्राफ्ट डॉ०मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल में आया था लेकिन विपक्षी नेताओं एवं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के लोगों ने UPA के चीफ माननीय सोनिया गांधी जी से मिलकर विरोध जताया था प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए माननीय सोनिया जी ने प्रधानमंत्री जी से बात करके उस ड्राफ्ट को वापस करा दिया था कल से ही एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया एवं भारत के वरिष्ठतम पत्रकारों ने तत्कालीन सरकार के इस ड्राफ्ट का विरोध दर्ज कराया है माननीय प्रधानमंत्री जी से मेरा भी निवेदन है कि इस ड्राफ्ट को वापस ले लिया जाए*
यदि फेक न्यूज़ को ईमानदारी से रोकना ही है और वह अति आवश्यक यदि लग रहा हो तो कोई अन्य तकनीक व PIB को किसी न्यायिक अधिकारी के अधीन करके इस तरह का कोई प्रावधान करने पर विचार किया जा सकता है
▪️ डॉ.राम नारायन चौरसिया (पीएच.डी)
अध्यक्ष पद प्रत्याशी नगर पंचायत आनंदनगर
▪️ पूर्व जिला पंचायत सदस्य
📱 7408748828