हिन्दी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
1 min readहिन्दी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
तनहा हुआ जा रहा कलम की फकिरी..
अब तो मिडीया घराना ख़बरों का सौदागर है
कहॉ गया जन जागरण लाने वाला कलमकार , अब तो पत्रकार है सम्पादक का तलबगार*
सच कही दिखता नही दिख भी गई तो अखबार तक पहुँचता नहीं
बड़ी बड़ी गाड़ी, बंगले और अधिकारी संघ दोस्ती निभा रहे दिग्गज धुरंधर कलमकार
कौन बनेगा सच का पहरेदार
कभी ये भी होता था सच को लाने के लिये होना पड़ता था शिकार
अब तो घर बैठे बन जाती है देश की सरकार और अखबारो की रहती है गर्म बाजार
आज तो सोशल मीडिया के जमाने में हर व्यक्ति ही हो गया पत्रकार
आँखों पर पट्टी बांधकर सिर्फ धोखा दिया जाता है ,कलम आज भी जिंदा कल भी जिंदा रहेगी ज़िम्मेदार
चंद भटके लोगों से नहीं है कलम की पहचान, कलम तो मॉ सरस्वती की है संतान …
सच के लिए लड़ाई व जंग जारी रहेगी.. ✍🏻 !!
संदीप कुमार AINभारतNEWS