कप्तान के आदेश को दरकिनार करने वाले दरोगा महेंद्र यादव का हुआ तबादला
1 min readमुकदमा दर्ज़ करने का भय दिखा शोषण करने में महारत हासिल किया था महेंद्र यादव,
श्रेय लेने के लिए फर्जी तस्करी दिखा कर करते थे मुकदमा दर्ज
कोर्ट के आदेश को भी दरकिनार कर एन बी डब्ल्यू के वारंटियों को खूब देते थे छूट,पुलिस कप्तान के भी आदेश को टालने की थी महारत हासिल
अपने ही थाने में मुल्जिम है महेंद्र यादव जनपद में यह अनूठा श्रेय प्राप्त थानेदार रहे।
महराजगंज।जनपद के कोल्हुई थानेदार महेंद्र यादव का तबादला हो गया।उनकी जगह पर स्वतंत्र सिंह थानेदार बनाए गए हैं।महेंद्र यादव के कुछ खट्टे मीठे यादें क्षेत्रवासियों को काफी कुरेद रही हैं। 11 महीने के कार्यकाल में कई गुनाहगारों को 151 मे चालान करके छोड़ने का काम कर राजनेताओं को खुश करने में महारत हासिल किया था। जब कि अपने आधिकारी को खुश करने, वाहवाही लूटने में फर्जी मुकदमा दर्ज कर कामयाबी हासिल कर लेना उनकी फितरत थी।कोई उन्हें अगर खुश कर देता तो वे कोर्ट के आदेश में भी ढिलाई करते ,और पुलिस कप्तान के निर्देशों को भी टालने में गुरेज नहीं करते। उनकी विशेषता है कि अपने ही थाना में स्वयं मुल्जिम बनने का श्रेय प्राप्त हुआ।जो जनपद में अन्यत्र दुर्लभ है।
अपनी आदत से बाज न आने की उनकी फितरत के चलते लोग खुश कर के 151 के बूते घर चले जाते।खुश करने के ही जाल में फंस कर वे खुद कोल्हुई थाने में थानेदार होते हुए मुल्जिम बने । बड़हरा शिव नाथ निवासी द्वारा वीडियो पेश करते हुए प्राथना पत्र अंतर्गत धारा 156(3)के तहत कार्यवाही की गई।जिस में ये एड़ी से चोटी तक लगा डाले पर मुल्जिम बनना पड़ा।
क्षेत्र में इनके आदत के ही चलते जब तस्करी में छीछालेदर होने लगी तब अपने अधिकारी को खुश करने के लिए कोल्हुई थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बभनी खुर्द में नौतनवा से खरीदी गई एक ट्रक चावल बभनी खुर्द स्थित गोदाम में गल्ला व्यापारी शिव कुमार जायसवाल लाया।उसी वक्त कोल्हुई पुलिस धन की डिमांड की। न देने पर उस के ट्रक को कब्जे में लेकर भारत नेपाल बार्डर के बुड़वा घाट ले जाकर तस्करी का खाद्यान्न दिखा कर कस्टम के शुपुर्द कर दिया गया।यह तो सच्चाई की पोल सीसीटीवी कैमरा ने खोल दी।
अपनी आदत के चलते दीवानी कचहरी महराजगंज से जारी एन बी डब्ल्यू के दो वारंटियों को महेंद्र यादव और उनके सहयोगी उप निरीक्षक शाकिर सिकंदर अली ने लंबी अवधि तक ढील देकर बचाते रहे।पीड़ित पुलिस कप्तान से भी गुहार लगाया।फिर भी अपने फितरत से अपने अधिकारी को भी कैसे चुप करा दिए।यह तो उनके अधिकारी जाने।परंतु उनके काले कारनामे से कोल्हुई में त्राहि त्राहि मची रही।क्षेत्र वासियों का मानना है कि इनके विकेट गिरने में बुहुत देर कर दी गई ।
उनके जाने के बाद एक उपनिरीक्षक और चार उनके सिपाही का क्या होगा?अब चर्चा का विषय बना हुआ है।ये उपनिरीक्षक और सिपाही उनके छाया बन कर उनके आदत वाली सभी कार्यों में सहयोगी रहे।अब देखना है ये नवागत थानाध्यक्ष को असर दिखा पाने में सफल होंगे, या नवागत थानाध्यक्ष इन्हें पवेलियन का रास्ता दिखाते हैं।जो भविष्य के गोद में है।
क्राइम ब्यूरो महराजगंज AIN भारत NEWS कैलाश सिंह