ग्राम पंचायत ओठगी तरहार अंतर्गत
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                ग्राम पंचायत ओठगी तरहार अंतर्गत
AIN भारत संवाददाता सतीश द्विवेदी की ख़ास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज
बसहाई 26 नंबर पहाड़ पर बने गोवंश आश्रय के टैग लगे गोवंश अवारा टहल कर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। गोवंश आश्रय में लगे गोपालक बेपरवाह हैं।
कोई भी गोवंश जब छोटे से ही छुट्टा
छूट जाता है तो वो दो साल में ही सांड़ की तरह हो जाता है उसे गौशाला में सांड़ की संज्ञा देकर छोड़ दिया जाता है। गोवंश आश्रय बनने से ग्रामीणों ने सोचा कि गांव में भले ही नाली,खंड़जा कोई किसी तरह का विकास कार्य नहीं हुआ चार साल हो रहे हैं कोई बात नहीं मेहनत की कमाई खेती तो सुरक्षित हो जाएगी। पर ऐसा कुछ नहीं समझ में आ रहा है। दिन भर गोपालक गोवंशो को पहाड़ में टहलाते है कि इन्हें चारा भूसा नहीं देना पड़ेगा शाम को जो चले गए वो ठीक है जो बिछड़ गए वो टैग लगे रात्रि में किसानों के खेत खलिहान में फसल
किसानों को रात्रि में चैन से नहीं रहने देते। जबकि सरकार कहती हैं कि गोशाला में गोवंशो को चारा भूसा हरा चारा दिया जाना चाहिए। हरा चारा तो दूर सूखा भूसा भी न खर्च हो इसी मंशा से दिन भर उन्हें पहाड़ों
में टहलाया जाता है।
 एक तरफ सरकार दावा कर रही है जानवरों को  भुषा और चोकर की व्यवस्था करते हैं दूसरी तरफ उठगी प्रधान पति जानवरों को बाडा जो बना है प्रधान पति बड़े लाल प्रजापति ने गौव माता के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जाता है

 
                         
                                 
                                 
                                