November 4, 2025 07:35:20

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भागवत आध्यात्म, सांसारिक जीवन जीने की कला: अखिलानंद महाराज 

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भागवत आध्यात्म, सांसारिक जीवन जीने की कला: अखिलानंद महाराज

 

 

शाहकुटी श्री काली मंदिर के समीप स्थित अन्नपूर्णा वाटिका में आयोजित हो रही है संगीतमयी भागवत कथा

 

चंदौली।पीडीडीयू नगर। भागवत आध्यात्म और सांसारिक जीवन जीने की कला है जिसमें जब जीव गोता लगाता है तब वह हमेशा उसी रस में डूबे रहना चाहता है । यह बात शाहकुटी श्री काली मंदिर के समीप स्थित अन्नपूर्णा वाटिका (नेपाली बाड़ा ) के प्रांगण में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के

द्वितीय दिवस को व्यासपीठ से श्रीमद्भागवत भागवत मर्मज्ञ श्री श्री अखिलानन्द जी महाराज ने अपने संबोधन में कही। श्री भागवत जी की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने मंगलाचरण का विस्तार रूप बताया। कहा कि किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व मंगलाचरण करना चाहिए, क्योंकि उक्त कार्य करने मात्र से उस कार्य में किसी भी प्रकार की अमंगलता का प्रवेश नहीं होता है ।श्रीमद्भागवत महापुराण के मंगलाचरण का विशेष महत्व है, क्योंकि इस श्लोक में किसी भी देवता का स्पष्ट रूप से नाम नहीं है । इसमें सत्यम् परम् धीमहि अर्थात सत्य स्वरूप परमात्मा का ध्यान किया गया है इसलिए सभी अपने-अपने इष्ट के साथ इस मंगलाचरण का प्रयोग करते हैं। श्रीमद् भागवत महापुराण के प्रथम श्लोक का भाव है किम् ध्येयम् जीव मात्र को ध्यान किसका करना चाहिए। बताया कि सत्य स्वरूप परमात्मा का ध्यान ही श्रेष्ठ है। सत्यस्वरूप परमात्मा श्री कृष्ण ही है। दूसरे श्लोक का भाव किम् गेयम् अर्थात् हमें गान किसका करना चाहिए को बताते हुए कहा कि मानव को भगवान के चरित्रों का गान करना चाहिए। भगवान का चरित्र ही ईश्वर रूप है, क्योंकि कलिकाल में नाम की बड़ी महिमा है । कलियुग केवल नाम अधारा ,की अद्भुत व्याख्या करते हुए करते हैं कि कलयुग में जीव मात्र का कल्याण भगवान के नाम जप से होता है । भागवत में कहा गया है कलौ केशव कीर्तनात् जो अति सरस है । तृतीय श्लोका भाव उद्धृत करते हुए बताया कि किम् पेयम् अर्थात् रसिक भावुक भक्त को भागवत रूपी फल का पान करना चाहिए उन्होंने भागवत रुपी पुराण की इस श्लोक पर चर्चा करते हुए भागवत को एक पेय पदार्थ बताया ? भागवत के इस रस का पान करने को आतुर भक्त इस का बार-बार पान करते हैं । उन्होंने भागवत महापुराण की महिमा का बखान करते हुए वटवृक्ष स्वरूप बताया जो सनातन संस्कार संस्कृति और सभ्यता सहित राष्ट्र निर्माण की ताकत रखती है। कथा में यजमान के रूप में यज्ञ नारायण सिंह व पूनम सिंह व शैलेश तिवारी रहे। मौके पर उपेंद्र सिंह संजय तिवारी संतोष शर्मा दिनेश सिंह कन्हैया जायसवाल,मनोज श्रीवास्तव ,बृजेश सिंह , संतोष पाठक ,पवन तिवारी,आलोक पांडेय , भैयालाल पाठक,रिंकू गुप्ता , मनीष जायसवाल आदि सैकड़ों भक्तों ने कथा का रस पान किया।

Ain भारत न्यूज़

हंसराज शर्मा mgs

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