October 26, 2025 13:34:54

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आदेश ताक पर: एडिशनल सीपी ने लिखा था-कभी न लगाएं पुलिस संग ड्यूटी, 10 माह बाद थाने में दे दी होमगार्ड को तैनाती

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आदेश ताक पर: एडिशनल सीपी ने लिखा था-कभी न लगाएं पुलिस संग ड्यूटी, 10 माह बाद थाने में दे दी होमगार्ड को तैनाती

प्रयागराज । नवाबगंज थाने में तैनात होमगार्ड सिद्धगोपाल त्रिपाठी के लिए एडिश्नल पुलिस कमिश्नर पवन कुमार ने लिखा था कि इन्हें किसी भी थाने या कार्यालय में लगाना राजकीय हित में नहीं है। लेकिन, उन्हें 10 महीने बाद यहीं तैनाती मिल गई। इस होमगार्ड पर रिश्वत लेते दबोचे गए शृंग्वेरपुर चौकी प्रभारी के लिए धन उगाही का गंभीर आरोप था। आखिर होमगार्ड पर ऐसी कृपा किसकी शह पर बरस रही है?

नवाबगंज थाने की शृंग्वेरपुर चौकी के प्रभारी आशीष राय को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते 23 अगस्त 2022 को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया था। उसने शृंग्वेरपुर के अयोध्या उर्फ जोधालाल सरोज से एक मुकदमे से नाम निकालने के एवज में दोबारा रिश्वत मांगी थी।

पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी के लिए होमगार्ड सिद्धगोपाल त्रिपाठी वसूली करता था। तत्कालीन डीसीपी ने जांच में आरोप सही पाए। उच्चाधिकारियों को भेजी रिपोर्ट में आरोपी होमगार्ड को शीघ्र-अतिशीघ्र गंगानगर जोन से बाहर ड्यूटी लगाए जाने की अपेक्षा की।

इसके बाद तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पवन कुमार ने कमांडेंट होमगार्ड को लिखा कि होमगार्ड के विरुद्ध गंभीर आरोप/तथ्य प्रकाश में आए हैं। पूर्व में भी गंभीर आरोप लगे हैं। इनका किसी भी थाना/कार्यालय में ड्यूटी लगाया जाना राजकीय हित में नहीं है। किसी भी दशा में इस होमगार्ड की ड्यूटी किसी अन्य विभाग में लगाना सुनिश्चित करें।
सूत्रों का कहना है कि आदेश के बाद होमगार्ड को नवाबगंज थाने से हटा तो दिया गया, लेकिन पवन कुमार का 25 फरवरी 2024 को तबादला होते ही गोटियां सेट होने लगीं। हटाए जाने के 10 महीने बाद ही एक सितंबर 2024 को उसे फिर नवाबगंज थाने में तैनाती दे दी गई। अभी तक वह यहीं तैनात है।

सवाल यह है कि एडिशनल पुलिस कमिश्नर के इतने सख्त आदेश के बावजूद किसकी मांग पर उसे पुलिस में तैनाती दे दी गई। क्या एक होमगार्ड के बूते ही थाने की पूरी व्यवस्था चल रही है, जो उसकी तैनाती अपरिहार्य हो गई है? सवाल कई हैं, लेकिन जवाब पर अफसर मौन।

होमगार्ड कमांडेंट बोले, प्रकरण संज्ञान में नहीं

होमगार्ड के जिला कमांडेंट रंजीत सिंह कहते हैं कि यह आदेश 2023 का है और मेरे संज्ञान में नहीं है। 10 महीने बाद तैनाती 2024 में हुई है तो संभवत: निलंबन के पश्चात बहाली पर ऐसा हुआ होगा।

प्रकरण की जानकारी नहीं है। इसका पता लगाएंगे कि आदेश के बावजूद होमगार्ड की दोबारा तैनाती कैसे हुई? गलत तरीके से तैनाती मिली तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।

एन कोलांची, अपर पुलिस आयुक्त, प्रयागराज

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