बिना अदालत के आदेश के एफआईआर दर्ज करने पर झूंसी थाने से जवाब तलब।
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बिना अदालत के आदेश के एफआईआर दर्ज करने पर झूंसी थाने से जवाब तलब।
AiN भारत न्यूज़ क्राइम रिपोर्ट विधा सागर द्विवेदी प्रयागराज
प्रयागराज ।। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को रिपोर्ट भेजे बिना एफआईआर दर्ज करने पर प्रयागराज के झूंसी थाने से दो हफ्ते में जानकारी तलब की है। साथ ही याचियों के खिलाफ शुरू हुई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की अदालत ने अरुण कुमार व एक अन्य की ओर से आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है।
अधिवक्ता ने दलील दी कि याची की शिकायत पर पुलिस विभाग में तैनात विपक्षी के पति का तबादला प्रयागराज से हमीरपुर हुआ था। इससे क्षुब्ध पुलिस कर्मी ने पत्नी के जरिए याचियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अर्जी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल की। इस पर अदालत ने झूंसी थाने से रिपोर्ट तलब की थी। थाने ने रिपोर्ट भेजने के बजाय याचियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी और याचियों के खिलाफ मारपीट व दलित उत्पीड़न का आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया।जबकि, न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली अर्जी खारिज हो चुकी थी। इस पर याचियों ने ट्रायल कोर्ट में शुरू हुई आपराधिक कार्यवाही के खिलाफ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने इसे विद्वेषपूर्ण मानते हुए याचियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई नौ अप्रैल को होगी।