नगर पंचायत शंकरगढ़ में भ्रष्टाचार का काला खेल: आउटसोर्सिंग के नाम पर ठेका
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नगर पंचायत शंकरगढ़ में भ्रष्टाचार का काला खेल: आउटसोर्सिंग के नाम पर ठेका
AiN भारत न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट प्रयागराज
नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
प्रयागराज।नगर पंचायत शंकरगढ़, में आउटसोर्सिंग के जरिए मैनपावर की आपूर्ति के लिए निविदा आमंत्रित की गई है, लेकिन इस पूरे प्रकरण में नगर पंचायत अध्यक्ष और कार्यालय की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। आरोप है कि निविदा की शर्तें इस तरह से तय की गई हैं कि केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों को ही लाभ पहुंचे, जिससे शहर के विकास को तोड़- मरोड़ कर पेश किया जा सके।
भ्रष्टाचार की गहरी साजिश
निविदा के नियम और शर्तें इस तरह से बनाए गए हैं जो बड़े ठेकेदारों को फायदा पहुंचाते हैं और छोटे और स्थानीय उद्यमियों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए कई बाधाएं खड़ी की गई हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि नगर पंचायत अध्यक्ष और कार्यालय के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और शहर के हितों को दरकिनार कर रहे हैं।
कर्मचारियों के हितों की खुलेआम अनदेखी
आउटसोर्सिंग के जरिए मैनपावर की आपूर्ति के नाम पर कर्मचारियों के हितों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। वेतन और काम के घंटे तय नहीं हैं, जिससे कर्मचारियों का शोषण हो सकता है और वे अपने अधिकारों से वंचित हो सकते हैं।
निष्पक्ष जांच की मांग
वरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम प्रसाद केसरवानी ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक जांच नहीं होगी, तब तक इस मामले में सच्चाई सामने नहीं आ सकती है और भ्रष्टाचार के दोषियों को सजा नहीं मिल सकती है।
नगर पंचायत की साख दांव पर
नगर पंचायत शंकरगढ़ की साख दांव पर लगी हुई है। अगर इस मामले में भ्रष्टाचार साबित होता है, तो इससे नगर पंचायत की छवि खराब होगी और लोगों का विश्वास उठ जाएगा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और शहर के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाता है।