स्वामी सहजानंद सरस्वती के पुण्यतिथि के अवसर भारद्वाज भवन में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया
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स्वामी सहजानंद सरस्वती के पुण्यतिथि के अवसर भारद्वाज भवन में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया
रिपोर्टर Ain एम.खालिद
गाज़ीपुर।संगठित किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि के अवसर पर भारद्वाज भवन स्थित सरजू पाण्डेय सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि किया गया।इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रांतीय महामंत्री पूर्व विधायक राजेंद्र यादव ने कहा कि स्वामी जी की वैचारिक यात्रा अध्यात्म से होते हुए मार्कसवाद पर जा कर रुकी। देश के अनेक प्रांतो में किसानो के शोषण,अत्याचार के खिलाफ किसान संगठन संघर्ष चला रहे थे।स्वामी जी ने अपने चिंतन एवं अनुभवों से इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि धरती पर किसान ही भगवान है और वही बेहद फटेहाल जीवन जी रहा है।उन्होंने व्यापक पैमाने पर किसानो को संगठित करने का निर्णय लिया।इसी परिप्रेक्ष्य मे 11 अप्रैल 1936 मे लखनऊ के गंगा मेमोरियल हाल मे अखिल भारतीय किसान सभा का गठन किये जिसमें देश के तमाम किसान संगठनों ने भाग लिया। उनका मानना था कि किसानो के दिमाग़ से जातीय विचार,संप्रदायिक,पूंजीवादी विचार को ख़त्म करके वर्गीय चेतना से लैस करते हुए संघर्ष को तेज करना होगा। उनका मानना था कि जब तक सत्ता किसानो मजदूरों के हाथ मे नही आएगी तब तक समस्याओं से मुक्ति नही मिलेगी। श्रद्धांजलि सभा में भा क पा नेता अमेरिका सिंह यादव,पार्टी जिला सचिव जनार्दन् राम,सह सचिव ईश्वरलाल गुप्ता,राम अवध,माले नता शशिकांत कुशवाहा, सुरेंद्र राम, प्रेम नारायण पाण्डेय, रामकेर् यादव, दीना सिंह,रविंद्रा कुशवाहा,कैलाश यादव,नन्दलाल शर्मा,झिल्लू यादव,ऋषिकेश यादव,घूरा यादव,संजय कुमार,भूपनारायण यादव,रामा पाण्डेय,शिवचरण चौबे,अम्बिका चौहान,सूर्यनाथ यादव,बटोर गुप्ता,चतुरी मास्टर,शिवमूरत यादव, आदि ने स्वामी जी को अपने वक्तब्यों से याद किया। अध्यक्षता किसान सभा के जिलाध्यक्ष ने किया।