प्रयागराज विकासखंड जसरा के गोबरा गांवों में प्रधानों का जलवा
1 min read
प्रयागराज विकासखंड जसरा के गोबरा गांवों में प्रधानों का जलवा
कूड़ा गाड़ी प्रधान दरवाजे पर बना निजी साधन
AiN भारत न्यूज़ संवाददाता विनीत द्विवेदी शंकरगढ़ प्रयागराज
जसरा प्रयागराज। जसरा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सोनौरीऔर गोबरा गांवों में ग्राम प्रधानों और उनके प्रतिनिधियों की पकड़ इतनी मजबूत हो चुकी है कि सरकारी योजनाएं भी उनके दरवाजे पर दम तोड़ती नजर आ रही हैं। बात अगर साफ-सफाई व्यवस्था की करें तो तस्वीर और भी चिंताजनक है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोनौरी गांव में ग्राम प्रधान के दरवाजे पर कूड़ा उठाने वाली सरकारी गाड़ी पता नहीं कब से खड़ी है, जबकि गांव के गली-मोहल्ले कूड़े से पटे पड़े हैं। हैरानी की बात ये है कि इस गाड़ी का इस्तेमाल गांव की सफाई के लिए नहीं किया जा रहा, बल्कि यह प्रधान की चौखट की शोभा बन गई है।गोबरा गांव की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। वहां भी सफाई व्यवस्था बदहाल है और ग्राम प्रधान की मनमानी चरम पर है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ग्राम पंचायत के फंड का सही उपयोग नहीं हो रहा और अधिकारी सबकुछ जानकर भी मौन हैं।– अधिकारियों की चुप्पी पर उठे सवाल– ग्राम विकास से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी जैसे कि सचिव विनोद कुमार, एडीओ पंचायत विनोद कुमार द्विवेदी और वीडीओ, इन गड़बड़ियों से पूरी तरह अवगत होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाए हैं। लोगों का आरोप है कि अधिकारी भी प्रधान प्रतिनिधियों के प्रभाव में हैं और सभी कुछ जानते हुए भी अनदेखी कर रहे हैं।– जनता की मांग– ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि: इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। सरकारी कूड़ा गाड़ी के दुरुपयोग पर कार्यवाही हो। सफाई अभियान तुरंत चलाया जाए और जिम्मेदार कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए।– सवाल अभी बाकी हैं…क्या सरकारी गाड़ी ग्राम प्रधान के निजी उपयोग के लिए भेजी गई थी? जब गाड़ी गांव के नाम पर स्वीकृत हुई, तो गांव के मोहल्लों में क्यों नहीं दौड़ रही?और सबसे बड़ा सवाल — क्या अब गांवों में सरकारी सिस्टम सिर्फ रसूखदारों की चौखट पर ही काम करेगा? यह रिपोर्ट ग्रामीण क्षेत्र की सच्चाई को उजागर करती है और शासन को जवाबदेह बनने की ओर संकेत देती है।