सावन के पहले दिन बन रहा शिववास का योग, जलाभिषेक से करें शिव पूजन
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सावन के पहले दिन बन रहा शिववास का योग, जलाभिषेक से करें शिव पूजन
AiN भारत न्यूज़ ब्यूरो चीफ सतीश द्विवेदी प्रयागराज
प्रयागराज।। यमुनानगर (बारा)
वैदिक पंचांग के अनुसार पवित्र श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से होगी। पूरा महीना शिव की पूजा-अर्चना,व्रत,जलाभिषेक और भक्ति में लीन होने का सबसे पवित्र समय माना जाता है। सावन की शुरुआत से ही शिववास योग बन रहा है। इस शुभ योग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। मान्यता है कि भोलेनाथ की पूजा, जलाभिषेक करने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि तो मिलती ही है, भक्तों की मनोकामना भी पूर्ण होती है। यह महीना भोलेनाथ की उपासना करने का सर्वोत्तम मास होता है। सावन के सोमवार और मास शिवरात्रि पर अभिषेक,पूजन,व्रत रखने से कई गुना अधिक फलदाई होता है। श्रावण मास का समापन 9 अगस्त को होगा। सावन का प्रथम सोमवार 14 जुलाई को राहुकाल दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। इस दिन स्वाती नक्षत्र और सिद्ध योग भी बन रहा है, जो बेहद शुभ माना जाता है।14 जुलाई को सावन के पहले सोमवार को धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग के साथ ही गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग है। दूसरे सोमवार 21 जुलाई को चन्द्रमा रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि में रहेंगे, तथा कामिका एकादशी व सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्वितीय संयोग बनेगा। इस दिन व्रत रहने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।28 जुलाई तीसरे सोमवार को चन्द्रमा पूर्वाफाल्गुनी और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा, तथा चंद्रमा के सिंह राशि पर होने से धनलाभ योग भी बनेगा।4 अगस्त अंतिम सोमवार को सर्वार्थसिद्धियोग , ब्रह्म और इंद्र योग बनने के साथ ही चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचरण करेंगे।